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घोषित थप्पड़ की गूंज महाराष्ट्र से आगे दिल्ली तक सुनाई दी

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स्वतंत्रता दिवस पर ठाकरे ने पूछा था कितने साल हो गये

इस बात पर  राणे ने कहा था वह वहां होते तो मार देते थप्पड़

देर रात राणे के समर्थकों ने रिहाई पर मनाया जश्न 

भाजपा व शिवसेना के बीच कड़वाहट और बढ़ी

दोनों ही दलों के समर्थक आ गये आमने सामने 

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारने वाले बयान की गूंज पूरे महाराष्ट्र में सुनाई दे रही है। मर्यादा को ताक पर रख हुई इस संपूर्ण घटना क्रम के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी करने पर राणे को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से पूर्व उन्होंने जमानत के लिये याचिका डाली थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। हां, गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिये। जिसके बाद देर रात केंद्रीय मंत्री को रिहा कर दिया।

राणे को रायगढ़ कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया तो भाजपा भी मौके पर चौका मारने से नहीं चूकी। आधी रात को मुंबई पहुंचे राणे का स्वागत पूरे शान-ओ-शौकत से किया गया। राणे के नाम पर अब बीजेपी और शिवसेना में अदावत की नई लकीर खिंच गई है। शिवसेना के मुखपृष्ठ अखबार सामना में आज राणे को छेदवाला गुब्बारा बता दिया गया है। इससे पहले शिवसैनिकों ने उन्हें मुर्गी चोर तक कह दिया क्योंकि करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे ‘पॉल्ट्री’ की दुकान चलाते थे।

अब बात करते हैं इस घटनाक्रम की उत्पत्ति की। दरअसल, नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी।  उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पास में खड़े सेक्रेटरी से उद्धव ठाकरे पूछते हैं कि देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए। यदि वह उस वक्त वहां होते तो उन्हें कान के नीचे थप्पड़ मार देता। ये क्या…तुम्हें तुम्हारे देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए हैं इसकी जानकारी नहीं ?

इस टिप्पणी के विरोध में पुणे से लेकर मुंबई और मुंबई से लेकर औरंगाबाद तक शिवसैनिक सड़कों पर झंडे-बैनर लेकर उतर आए। कहीं दोनों दलों के कार्यकर्ता भिड़ गये तो कहीं भाजपा समर्थकों की पुलिस से नोकं-झोंक हो गई। मामला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से जुड़ा था इसलिए पुलिस ने भी तेजी दिखाई, केस दर्ज हुआ और मंगलवार शाम राणे को गिरफ्तार कर लिया गया। राणे को भले ही जमानत मिल गई हो लेकिन शिवसेना अब लड़ाई को महाराष्ट्र से बाहर दिल्ली खींच लाई है। तभी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह भी दिया है कि राष्ट्रवाद के इस मुद्दे पर वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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