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गन कल्चर को बढावा देने वाले पंजाबी गायब सिद्धू मूसेवाला की हत्या

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अपने विवादास्पद गीतों के माध्यम से गन कल्चर को बढ़ावा देने वाले पंजाबी गायब व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला को आज शाम ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए मौत के घाट उतार दिया गया। उनकी थार जीप पर तीस से ज्यादा गोलियां दागी गई हैं। सिद्धू की हत्या से पंजाब में हड़कंप मच गया है। गंभीर बात यह है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने बीते दिवस ही 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी। सिद्धू की हत्या मानसा के जवाहर गांव मं उस वक्त की गई जब वह गाड़ी खुद ड्राइव कर रहे थे। जख्मी हालात में उन्हें पास के ही अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी कनाडा बेस्ड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली है।

इस हत्याकांड के बाद विपक्षी नेताओं ने कहा है कि सिद्धू मूसेवाला को पहले से काफी खतरा था। ऐसे में उनकी सुरक्षा क्‍यों हटाई गई। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा व अन्‍य नेताओंं ने कहा कि पंंजाब की भगवंत मान सरकार ने राजनीतिक वाह-वाही लेने के लिए सुरक्षा हटाकर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी। उन्‍होंंने हत्‍या के लिए पंजाब सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया। 

दरअसल, पंजाब सरकार ने वीआइपी सुरक्षा में कटौती करते हुए शनिवार को कई धर्मगुरुओं, विधायकों व पुलिस अधिकारियों समेत 424 लोगों की सुरक्षा में कमी कर दी। इनमें श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों व पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी व गायक सिद्धू मुसेवाला भी शामिल थे। हालांकि कुछ सिख संगठनों की आलोचना के बाद सरकार ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा बहाल कर दी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने दावा किया कि जत्थेदार ने इसे वापस लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद एसजीपीसी के अध्यक्ष के आदेश पर एसजीपीसी की टास्क फोर्स के कर्मचारियों का एक हथियारबंद दस्ता जत्थेदार की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया।

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