कुख्यात फरार बदन सिंह बद्दो की कोठी पर चला बुलडोजर
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध की दुनिया में खासा नाम रखने वाले बदन सिंह बद्दो की मेरठ स्थित कोठी पर आज योगी सरकार का बुलडोजर चल गया। बद्दो की फरारी के लंबे समय बाद हाईकोर्ट की कड़ी फटकार मिलने पर पुलिस प्रशासन ने उसके घर की कुर्की की थी। अब आज उसकी कोठी पर बुलडोजर चला दिया गया। कोठी को बचाने के लिये बद्दो ने अपनी भाभी के जरिये कानूनी अड़चन पैदा करनी चाहिये लेकिन कोई राहत नहीं मिली। जिस पर बिना नक्शा पास कराये बनायी गयी इस कोठी को आज मेरठ विकास प्राधिकरण ने पुलिस प्रशासन को लेकर ध्वस्त कर दिया।
ढाई लाख के ईनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो 28 मार्च 2019 को फरार हो गया था। बदन सिंह की फरारी उस वक्त हुई मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। फरारी के बाद बदन यहां अपने सहयोगियों के घर आराम से रहा और फिर दिल्ली के रास्ते फरार हो गया। बदन सिंह फरार हुआ लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ने की ज्यादा जहमत नहीं उठाई। यहीं कारण रहा कि 19 माह बीत गये लेकिन कुछ नहीं हुआ। अभिषेक कुमार के जनहित याचिका दाखिल करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन के आला अफसरों को तलब किया तब जाकर प्रशासन एकाएक ही नींद से जागा। जिस पर बद्दो के घर के कुर्की की गई। साथ ही योगी सरकार के सख्त रूख के बाद माफियाओं की आर्थिक कमर तोड़ने के लिये शुरू किये गये नेस्तनाबूद अभियान के तहत बद्दो की कोठी पर भी नजर टेढ़ी की गई। कोठी को अवैध निर्माण पाते हुए ध्वस्त करने की पहल मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा की गई। इसे बचाने के लिये बद्दो की भाभी कुलदीप कौर सामने आयी लेकिन उनका वाद खारिज हो गया। रजि पर मेरठ विकास प्राधिकरण ने 21 जनवरी ध्वस्तीकरण की तिथि निर्धारित कर दी। आज सुबह दस बजते बजते सभी की नजर बद्दो की कोठी पर लग गई थी। भारी फोर्स के साथ ही बुलडोजर भी वहां पहुंच गये थे।
बता दे कि मेरठ पुलिस ने फरारी में सहयोग करने के आऱोप में मुकुट महल मालिक मुकेश गुप्ता, केबिल कारोबारी व मेट्रो प्लाजा व्यापार संघ महामंत्री अनिल छाबड़ा, डिपिन सूरी, पपीत बढ़ला, संयुक्त व्यापार संघ मंत्री लल्लू मक्कड़, करण पब्लिक स्कूल संचालक भानू प्रताप, सोनू सहगल, मिक्की सरदार, अरुण व छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने भानू प्रताप, लल्लू मक्कड़, डिपिन सूरी व सोनू सहगल आदि गिरफ्तार कर लिया था जबकि मुकेश गुप्ता अपनी गिरफ्तारी के अगेनस्ट स्टे ले लिया था जिसे बाद में स्टे खत्म होने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।