प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसान लंबे अर्से से धरना व आंदोलनरत हैं। बेहद भारी मन से पीएम मोदी ने कहा कि देश व किसान हित में लाये गये इन कानून को वह कुछ लोगों को समझाने में विफल रहे हैं, संभवत उनकी ही तपस्या में कोई कमी रही होगी जिस कारण दीपक के प्रकाश जैसे पवित्र इन कृषि कानूनों को कुछ किसान समझ नहीं पाये। लिहाजा आज वह इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में धरने पर बैठे किसानों से उठने व घर जाने का भी आग्राह किया। शीतकालीन सत्र में इसकी वापसी की सभी औपचारिकता पूर्ण कर ली जायेंगी।
आज सुबह एकाएक ही पीएमओ की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि सुबह नौ बजे पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे। अटकले लगाई जाने लगी कि यह संबोधन गुरू पर्व आदि की शुभकामनाये देने के लिये होगा लेकिन इसके तुरंत बाद ही पीएम मोदी ने यह ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि बेहद पवित्र मन से वे ये कृषि कानून लाये थे लेकिन इन्हें कुछ लोगों के कारण लागू नहीं किया जा सका, इसके लिये वह देशवासियों से माफी मांगते हैं। वह पहले भी देश हित में काम करते रहे हैं और आगे भी करते ही रहेंगे।
पीएम मोदी ने आज यूपी दौरे से पूर्व देश को संबोधित दिया है। 2021 में आज उनका यह चौथा संबोधन है जबकि 2020 में सात बार उन्होंने देश को संबोधित किया था। आज उन्होंने कहा कि आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है। इस माह के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
मोदी ने गुरुपर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। मोदी ने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सौ में से 80 ऐसे किसान हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर जमीन हैं। ऐसे छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी पूरी जिंदगी का आधार यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा है और इसी सहारे वे अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी यह जमीन का टुकड़ा और छोटा जा रहा है। सरकार ने बीज, बीमा और बाजार पर काम किया। सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही यूरिया, स्वाइल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन से भी जोड़ा। 22 करोड़ स्वाइल हेल्थ कार्ड दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। किसानों को कानूनों को समझाने का भरपूर प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए। हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की लेकिन समझा नहीं पाये।
2021 में आज चौथी बार संबोधन
- 20 अप्रैल 2021- दूसरी लहर को लेकर आगाह किया और देशव्यापी लॉकडाउन की संभावनाओं को खारिज किया.
- 7 जून 2021- पूरे देश को फ्री वैक्सीन देने का एलान
- 22 अक्टूबर 2021- देश में वैक्सीन की 100 करोड़ डोज़ लगने पर संबोधित किया.
- 19 नवंबर 2021- आज फिर देश के नाम संबोधन
2020 में 7 बार किया देश को संबोधित-
- 19 मार्च 2020- जनता कर्फ्यू की अपील
- 24 मार्च 2020- 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान
- 3 अप्रैल 2020- घर की सभी लाइट बंद करके दिया जलाने की अपील
- 14 अप्रैल 2020- लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया गया
- 12 मई 2020- 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान
- 30 जून 2020- मुफ्त राशन की योजना का नवंबर तक विस्तार
- 20 अक्टूबर 2020- ‘जबतक दवाई नहीं, तबतक ढिलाई नहीं’ का मंत्र दिया.