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कासगंज। इसे विकास दूबे पार्ट टू ही कहा जायेगा। उत्तर प्रदेश के कासगंज में बीती रात इसी तर्ज पर एक शराब माफिया ने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दे डाला। उसकी कुर्की के लिये नोटिस चस्पा करने गये दरोगा अशोक पाल व सिपाही देवेंद्र सिंह को पकड़ कर जम कर पीटा गया। पेड़ से बांध कर की गई पिटाई से सिपाही की मौत हो गयी जबकि देवेंद्र सिंह को भाला मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। देर रात कई थानों की पुलिस फोर्स ने दरोगा को लहूलुहान व अर्द्धनग्न हालात में बरामद कर लिया। घटनाक्रम इतना तेजी से घटना की पुलिस ने रात में ही शराब माफिया के भाई को मुठभेड़ में मार गिराया। घटना स्थल पर पुलिस के तमाम आला अफसर पहुंच गये हैं।
जिस शराब माफिया के घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने दरोगा व सिपाही गये थे उसका नाम मोतीसिराम है। आईजी पीयूष मौर्या ने मीडिया को बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर गंगा की कटरी में स्थित गांव नगला धीमर में शराब माफिया मोतीराम के घर पर ये दोनों नोटिस चस्पा करने गये थे। मोती राम के खिलाफ 11 मुकदमें दर्ज हैं। शराब माफिया ने दोनों को घेर लिया और पेड़ से बांध कर जम कर पीटा। बाद में वह करीब डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में ले गये। वहां फिर पीटा गया।
बता दें कि सिढ़पुरा थाना क्षेत्र से गुजर रही काली नदी के किनारे दारू का दरिया बहता है। यहां जंगल में जगह जगह दारू तैयार करने वाली भट्टियां धधकती रहती हैं। नगला धीमर सहित आसपास के गांवों के घर घर में कच्ची शराब बेची जाती है। इस घटना का कनेक्शन मैनपुरी से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। वर्ष 2016 में एटा के अलीगंज व मैनपुरी के कुछ इलाकों में जहरीली शराब से 48 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इतनी बड़ी संख्या में लोगो के मारे जाने के बाद कुछ सख्ती हुई लेकिन फिर से यह जानलेवा धंधा परवान चढ़ गया है।
इस बीच, देर रात शराब माफिया की तलाश में चेकिंग व कांबिग के दौरान हुई मुठभेड़ में माफिया मोतीराम का भाई एलकार सिंह मारा गया।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंंने गुनहगारों पर रासुका लगाने के लिये भी कहा है।