कानपुर में नमाजियों का सड़क पर आना..मात्र संयोग या प्रयोग..
जिस तरह का घटनाक्रम है उसे देखकर तो नहीं लगता है कि यह संयोग है। संयोग कुछ इस तरह की कानपुर में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों और वहां नमाजी सड़क पर उतर आये, विरोध प्रदर्शन हो, पथराव के साथ बमबाजी भी हो। सवाल उठता है कि इतने वीवीआईपी शहर में होने के बावजूद बवाली सड़क पर कैसे नंगा नाच कर गये। इस पथराव व विरोध प्रदर्शन की वजह बतायी गयी भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा का वह बयान जो उन्होंने टीवी पर मुंबई में दिया था। इस बवाल व वीवीआईपी का कानपुर में जमावड़े की टाइमिंग को लेकर सवाल उठना लाजिमी है।
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कानपुर देहात के गांव परौंख में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मंच पर मौजूद थे। यहां से कुछ ही किलोमीटर दूर शहर में बवाल हो रहा था। पत्थरबाजी, बमबाजी और लाठीचार्ज से सड़कें रणक्षेत्र में बदल गईं। सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आने का कार्यक्रम पहले से तय था तो आज ही के दिन बंद का आह्वान क्यों किया गया ? कई मस्जिदों में भड़काऊ तकरीरों की भी सूचना है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह पूर्व नियोजित घटना है? जुलूस कैसे निकला और हिंसा का इंतजाम कैसे हुआ? इन सवालों के जवाब पुलिस व सुरक्षा व एलआईयू को देने होंगे।
दरअसल, नुपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए कथित बयान को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में कारोबार पूरी तरह आज बंद रहा। जोहर फैंस एसोसिएशन और अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसका व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी।
पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई। बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस ने किसी भी क्षेत्र में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजदू बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। सवाल यह भी है कि शहर में सड़कों पर इतनी संख्या में पत्थर कहां से आ गए? पेट्रोल बम चलने की भी सूचना है।