एक पुलिस कप्तान ऐसा भी… लंबे समय बाद मेरठ पुलिस ने जाना काम ऐसे होता है
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लंबे समय से जमे मठाधीश थाना प्रभारी खुद हुए रिलीव
बाहरी वाहनों का शिकार करने में व्यस्त पुलिस संभाल रही ट्रैफिक
चौराहों व सड़कों पर नजर आने लगी है फिर से पुलिस
शिकायत की पुष्टि पर हो रही है निलंबन की कार्यवाही
पेट बाहर वालों को बहाना पड़ रहा है पसीना
व्हाट्स एप नंबर पर शिकायत करना हुआ आसान
कई परिणाम भी आये हैं बेहद जल्द सामने
मेरठ। थानों पर लंबे समय से जमे बैठे मठाधीश प्रभारियों को सही रास्ता दिखाने के बाद मेरठ के नये पुलिस कप्तान ने सोतीगंज इलाके के उन कबाडियों पर तीखा प्रहार किया है जो वाहन चोरी कर काटे गये पार्ट्स का धंधा करते हैं। 75 पुलिस कर्मियों की टीम ने गुरूवार को दस से ज्यादा गोदामों पर छापा मारा तो कबाड़ियों में हडकंप मच गया। बरामद पार्टस का जो कबाड़ी हिसाब व रिकार्ड नहीं दिखा पाये उन्हें सामान के साथ सदर थाने भेज दिया गया। तेजतर्रार आईपीएस एएसपी सूरज राय के निर्देशन में की गयी यह कार्यवाही कुख्यात कबाड़ी मन्नू मुईनुद्दीन की एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क करने के बाद की सबसे बड़ा पुलिस एक्शन है। पिछले अनुभव को देखते हुए इस संपूर्ण धरपकड़ व छापेमारी को कैमरे में कैद भी किया गया। पूर्व में कई कबाड़ियों के गोदाम सील तो हुए हैं लेकिन विभागीय मिलीभगत से सील गोदामों को खाली कर लिया गया। इस मिलीभगत के कारण सदर थाना हमेशा से विवादों में रहा है और यहां का प्रभार पाने के लिये दरोगा एड़ी से चोटी तक का दम लगाते रहे हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद सदर थाना प्रभारी पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की इनायत रहती रही है ।लेकिन अब हालात बदले हुए हैं।
(यह भी देखिये https://www.youtube.com/watch?v=fsfvrQac8FQ&t=126s)
इस संपूर्ण पुलिस कार्यवाही की क्रोनोलाजी समझी जाये तो पहले नये पुलिस कप्तान प्रभाकर चौधरी ने उन थानेदारों को बाहर का रास्ता दिखाया जो लंबे समय से मलाईदार समझे जाने वाले थानों पर कुंडली मारे बैठे थे। एसएसपी के तेवर देख इन थानेदारों में से कई खुद ही रिलीव हो गये और वहां चले गये जहां उनका पूर्व में तबादला हुआ था लेकिन वह मलाई के चक्कर में यहां जमे बैठे थे। इसके बाद ऐसे ही पुलिस कर्मचारियों को भी थाने से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया। थानों में रह कर जिन लोगों के पेट बाहर निकल आये थे, सुबह शाम उनकी परेड व दौड़ करा पसीना निकाला गया। सुबह शाम होने वाली गिनती आमद का असर यह हुआ कि जो लोग वर्दी, बेल्ट जूते पहनना भूल गये थे, उन्हें इनकी याद आ गई। नये कप्तान ने इतना ही नहीं,…एक व्हाट्स अप नंबर भी जारी किया….8077974308, आप भी लिख लिजिये…बड़े काम का नंबर है। इस नंबर पर की गई गोपनीय शिकायत की जांच के बाद कई दरोगा व पुलिस कर्मचारी निलंबित कर दिये गये। जहर खाने के एक मामले में विवेचना अधिकारी शिवराज सिंह के निलंबन के बाद तो विभाग हैरत में आ गया। विभाग को अब लगा कि काम न करने पर एक्शन भी होता है…यह बात उनकी समझ में आ गई। टीपीनगर में बेटे को हडकवाने के लिये पुलिस से मिले बुजुर्ग की पैसा न देने पर पिटाई के मामले में भी सिपाही को निलंबित कर दिया गया।न
अब बात सोतीगंज की। सोतीगंज का एक बड़ा हिस्सा वाहनों के स्लाटर हाउस के रूप में जाना जाता है। यहां रहने वाले लोग यूं तो कबाड़ी कहलाते हैं लेकिन करोड़ों अरबो में वे खेलते हैं। वाहनों के कटान का बड़ा खेल होने के कारण यहां दिल्ली, हरियाणा पुलिस के छापे पड़ते रहते हैं। कई बार पुलिस को उल्टा जान बचानी पड़ जाती है। यहां सदर पुलिस रौब गालिब करने के लिये जाती जरूर है लेकिन हमेशा मुस्कराते हुए वापस आ जाती है। पूर्व में रहे कई थाना प्रभारी इन कबाड़ियों के फेवर में खड़े नजर आते रहे हैं। अब लेकिन हाकिम की कार्यशैली देखते हुए निजाम व पुलिस के तेवर बदले हुए हैं। सड़कों व चौराहों पर पुलिस खड़ी नजर आने लगी है। केवल बाहरी वाहनों पर नजर रख उनके शिकार में व्यस्त रहने वाली ट्रैफिक पुलिस अब यातायात नियंत्रित करने में लगी है। नौकरी करना कुछ लोगों को भारी प्रतीत हो रहा है। गुरूवार को पुलिस ने सोतीगंज में बड़ी कार्यवाही की। इससे पहले मन्नू मुईनीद्दीन कबाड़ी की करीब सवा करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई थी। हालांकि मन्नू की बेनामी संपत्ति…. कुर्क की गई संपत्ति से कही अधिक है। वाहनों का स्लाटर हाउस चलाने वालों पर दर्ज किये जा रहे हैं। यह मामला सांसद राजेंद्र अग्रवाल लोकसभा में भी उठा चुके हैं। लेकिन इस काले धंधे में लिप्त कबाड़ियों में ऐसी दहशत लंबे अर्से बाद नजर आयी है, जाहिर है इससे लोगों को राहत की सांस मिली है।