साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज सुबह 10 बज कर 59 मिनट से शुरू हो जायेगा। यह सूर्यग्रहण दोपहर 3 बज कर 07 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। सूर्य ग्रहण क्योंकि एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है लिहाजा इसका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रभाव प्रकृति, जीव जंतु व मनुष्यों पर पड़ता है। ज्योतिषी ग्रहण काल के दौरान कुछ सावधानी बरतने की सलाह इसी कारण देते हैं।
आपको बता दें कि शनिवार को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। ज्योतिष के अनुसार, भले ही ग्रहण में सूतक के नियम मान्य नहीं होंगे लेकिन सूर्य ग्रहण का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य होता है, इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिषकारों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान अत्यधिक शारीरिक मेहनत से बचने की सलाह दी जाती है। गहन मानसिक कार्यों से भी दूरी रखी जानी चाहिये। अग्निकर्म और मशीनरी का प्रयोग ग्रहणकाल के दौरान वर्जित माना जाता है। इस खगोलीय घटना को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणें आखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सूर्य ग्रहण को टेलीस्कोप से भी नहीं देखना चाहिए. इसे देखने के लिए विशेष रूप से बनाए गए चश्मों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान भोजन करना वर्जित माना गया है। कोई भी नया काम व मांगलिक कार्य न करने की सलाह भी दी जाती है। नाखून काटना, कंघी करना वर्जित माना गया है साथ ही इस दौरान सोना नहीं चाहिए। ग्रहण से पहले पके हुए भोजन में तुलसी का पत्ता डालकर रख देने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिषकारों के मुताबिक जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, उन्हें ग्रहणकाल के दौरान सूर्य देव की शांति करनी चाहिए। ग्रहण के दौरान भजन-कीर्तन और जप के माध्यम से ईश्वर को याद करने की सलाह दी जाती है। सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान शिव के किसी भी मंत्र का जाप करना लाभकारी साबित होता है। इस दौरान सूर्य देव की आराधना करना सर्वाधिक उपयुक्त माना गया है।