- विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले नहीं आ सकेंगे सेना में
- विरोध करके समय खराब न करें युवा, योजना सेना को मजबूत करने वाली
- जीवन कुर्बान करने वाले अग्निवीर के परिजनों को मिलेंगे एक करोड़ रुपये
- अग्निवीरों को लेकर जो भी घोषणाएं अब की गई, ये पहले से ही तय थी
सेना में भर्ती के लिये लाई गई अग्निपथ योजना का देश भर में व्यापक विरोध हो रहा है। इस विरोध के बीच आज तीनों सेनाओं की तरफ से संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इसमें स्पष्ट किया गया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जायेगी। इस मौके पर कहा गया कि कुछ कोचिंग सेंटर द्वारा युवाओं को गलत तथ्य देकर भड़काया जा रहा है। यह योजना देश की सेना को और मजबूत करने वाली साबित होगी। यहां योजना के लाभों की भी जानकारी दी गई।
प्रेस वार्ता के दौरान सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी और थल सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयरफोर्स की ओर से एयर मार्शल सूरज झा शामिल हुए। प्रेस वार्ता में ये बड़ी बाते कही गयी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ये रिफॉर्म काफी पहले से होना था। 1989 में ये काम शुरू हुआ था। इस पर लगातार काम चल रहा था. जिसमें कमांडिंग ऑफिसर की उम्र कम की गई. ऐसे ही कई बदलाव हुए. हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। कभी किसी ने उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि रिटायरमेंट के बाद वे क्या करेंगे? ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
वार्ता के दौरान बताया गया कि देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। उन्होंने दोहाराया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी। अब सेना में भर्ती इसी योजना के तहत होगी। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अग्निवीरों के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पहले से तय थी। ये घोषणाएं अग्निपथ स्कीम की घोषणा के बाद हुई हिंसा की वजह से नहीं की गई।
थल सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे ये संख्या 40,000 हो जाएगी। एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि IAF में 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 की पंजीकरण प्रक्रिया और 24 जुलाई से चरण 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी। पहला बैच दिसंबर तक एनरोल होगा और पहले बैच की ट्रेनिंग 30 दिसंबर से शुरू होगी।
नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक माह में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे। नौसेना में हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं। उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि महिला और पुरुष अग्निवीर आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे।
इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है। आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वह विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था। फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता। इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें। यदि किसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे सेना शामिल नहीं हो सकते।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए। 2030 में हमारे देश में 50 फीसदी लोग 25 साल की उम्र से कम के होंगे। क्या ये अच्छा लगता है कि देश की सेना जो रक्षा कर रही है वो 32 साल की हो। बाहरी देशों की भी स्टडी की गई। सभी देशों में देखा गया कि उम्र 26, 27 और 28 साल थी। इस योजना के तहत अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 सैनिकों की भर्ती करेंगे। बाद में ये संख्या बढ़ाकर 90,000-1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 की संख्या से छोटी शुरुआत की है, भविष्य में हम ये संख्या 1.25 लाख तक लेकर जाएंगे।