नई दिल्ली। भारत सरकार अब सोशल मीडिया पर जनभावनाएं भड़काने, हिंसा या वैमनस्य बढ़ाने वाले इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाने की तरफ जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया मंचों को आगाह किया कि अगर उनका उपयोग भारत में झूठी खबरें फैलाने, हिंसा या वैमनस्य को बढ़ावा देने में किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी।
रवि शंकर प्रसाद ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार सोशल मीडिया का सम्मान करती है और इस मंच से लोग अधिकार संपन्न हुए हैं। भारत के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है। सरकार आलोचना के अधिकार का भी सम्मान करती है लेकिन ऐसे मंचों को देश के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा। अगर सोशल मीडिया के जरिए चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है तो चुनाव आयोग के अलावा सरकार भी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और यहां लाल किले में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के समय ऐसे मंचों का आचरण विरोधाभासी रहा। उन्होंने कहा कि कई सोशल मीडिया मंचों ने अमेरिका में पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया लेकिन यहां भारत में उलटा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ऐसा दोहरा मानदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता।