सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि किसी को भी जबरदस्ती वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है। यह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित है बावजूद इसके किसी को भी टीका लगवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। साथ ही कोविड टीका न लगवाने वालों को सार्वजनिक सुविधाएं रोकने संबंधी राज्यों द्वारा दिये गये आदेश भी वापस ले लिये जाने चाहियें।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोरोना वैक्सीन से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान कहा है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की कोविड टीकाकरण नीति को सही ठहराते हुए सुझाव दिया कि कोविड टीका न लगवाने वाले लोगों को सार्वजनिक सुविधाओं के इस्तेमाल से रोकने के आदेश राज्य सरकारों को हटा लेने चाहिए। कोर्ट ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का आंकड़ा सार्वजनिक करने के लिए भी कहा।
बता दें कि भारत में लगातार तीसरे हफ्ते भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। राहत की बात यह है कि रविवार को समाप्त हुए पिछले हफ्ते में इस बीमारी से होने वाली मौत के आंकड़े में कोई वृद्धि नहीं हुई है। भारत में 25 अप्रैल से 1 मई तक 22,200 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह इससे पिछले हफ्ते मिले करीब 15,800 संक्रमितों से 41% अधिक है। उस हफ्ते कोरोना केस में 96% की वृद्धि देखी गई थी। दिल्ली हरियाणा और यूपी में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले। यह कुल संक्रमितों का 68% हिस्सा है। रविवार को समाप्त हुए सप्ताह में देश के 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के नए केस में वृद्धि दर्ज की गई, जो बताता है कि देश में संक्रमण का प्रसार जारी है. हालांकि अधिकतर राज्य में हफ्ते में औसतन मरीजों की संख्या 1 हजार से कम रही।