गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने के मामले में नया खुलासा हुआ है. मुरादनगर के रहने वाले एक शख्स महंत विजय पाल अधिकारी ने दावा किया है कि श्मशान घाट की गुणवत्ता का मसला वो जिलाधिकारी के सामने उठा चुके हैं. महंत विजय पाल, खुद को मुरादनगर नगरपालिका का सभासद होने का दावा कर रहे हैं । महंत विजय पाल अधिकारी की मानें तो उन्होंने श्मशान घाट के निर्माण में इस्तेमाल हो रही घटिया सामान और घोटाले की शिकायत गाजियाबाद के डीएम से की थी. जून और जुलाई 2020 में कई शिकायत की गई थी. डीएम ने शिकायत की जांच के लिए उस ईओ निहारिका सिंह के पास भिजवाई, जो श्मशान घाट हादसे के बाद गिरफ्तार हुई हैं । महंत विजय पाल का दावा है कि श्मशान घाट के निर्माण में घटिया सामान का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसकी शिकायत लगातार कर रहा था, लेकिन इसकी शिकायत की अनदेखी की गई. आपको बता दें कि बीते रविवार को श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है । हादसे के मुख्य आरोपी अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया. हादसे के बाद से वह फरार था. गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी अजय त्यागी पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था. हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. श्मशान घाट में घटिया निर्माण के चलते छत गिर गई थी ।।
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