मनोज, बिल्डिंग में आग लग चुकी है, मुझे बचा लो, वरना मैं मर जाऊंगी
- मुंडका अग्निकांड की आई भयावह तस्वीरे सामने
- शुक्रवार की शाम मुंडका इलाके में लगी थी आग
- बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत में लगी थी आग
- साठ लोगों को दमकल ने किसी तरह बचाया
- 27 लोगों के शव पहचानने योग्य नहीं रहे
- अब एफएसएल के जरिये होगी डीएनए की जांच
- दिल्ली सरकार ने दस दस लाख मृतक के परिजनों को देने की घोषणा
- झुलसे लोगों को मिलेगी पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद
पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में शुक्रवार की शाम लगी बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत में आग की भयावह तस्वीरे सामने आयी हैं। दमकल कर्मियों ने भले ही साठ लोगों को किसी तरह बाहर निकाल लिया हो लेकिन 27 लोगों के शव पहचानने योग्य नहीं रहे। इस बिल्डिंग में सीसीटीवी व राउटर कंपनी के कार्यालय हैं। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा कि घटना में शव काफी क्षत विक्षत हो गई हैं। पहचान नहीं हो रही है। एफएसएल के जरिए डीएनए की जांच करेंगे, ताकि पता चले कि कौन सा शव किस परिवार का है। दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के ऑर्डर दिये है। घटना में जिनकी डेथ हुई है, उनके परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

इस हादसे से प्रभावितों में से एक मनोज का कहना है कि शुक्रवार शाम 4 बजकर 30 मिनट पर उनकी पत्नी सोनी से उनकी आखिरी बार बात हुई थी। इस दौरान पत्नी सोनी ने मोबाइल फोन पर जानकारी देते हुए बताया था- ‘मनोज कंपनी में भीषण आग लग गई है। चारों ओर धुआं-धुआं है। इमारत के अंदर आग के लपटें नजर आ रही हैं। मुझे बचा लो वरना मैं मर जाऊंगी’।
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वहीं, दिल्ली के राज्यपाल ने भी मुंडका में भीषण आग की घटना पर गहराया दुख जताते हुए कहा कि बचाव के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद कई कीमती जानें चली गईं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में जो भी दोषी हैं, उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। वह अभी आधिकारिक तौर पर कहने की स्थिति में नहीं हैं। जब तक डीएनए की जांच नहीं हो जाती, मजिस्ट्रेट जांच के बाद नतीजे आएंगे। यदि कोई ऑफिसर, कोई एजेंसी जिम्मेदार होगी, तभी निर्णय लेंगे। किसी को भी नहीं बक्शेंगे।