- गुना में सुबह तड़के हुई यह वारदात
- एमपी सरकार ने की शहीदों के परिजनों को एक करोड़ की सहायता राशि
- काले हिरन के शिकारियों को पकड़ने गयी थी पुलिस
- मौके पर लेट होने के कारण आईजी अनिल शर्मा हटाये गये
मध्यप्रदेश के गुना में काले हिरन के शिकारियों को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर शिकारियों ने हमला बोल दिया। इस हमले में सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव समेत तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। घटनास्थल पर देरी से पहुंचने के कारण ग्वालियर के आईजी अनिल शर्मा को हटा दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने तीनों पुलिस कर्मियों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा करते हुए कहा है कि अपराधियों की पहचान हो चुकी है, धरपकड़ के लिये पुलिस भेजी गई है। जल्द ही उनके साथ एनकाउंटर की संभावना जताई गई है। पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिकारी नौशाद मेवाती भी मारा गया है।

घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपराधियों की पहचान हो गई है। पुलिस फोर्स को भेजा गया है। हमलावरों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर करने की तैयारी में है। वहीं एसपी राजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।

शिकारियों के हमले में शहीद हुए पुलिस कर्मियों में सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और संतराम शामिल हैं। शिकारियों से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष बरामद हुए हैं।