मतगणना में राकेश टिकैत ने जताई गड़बड़ी की आशंका, कपड़े बिस्तर लेकर पहुंचने का आह्वान
- जिला पंचायत की मतगणना से लेना होगा सबक
- पंचायती चुनाव में लगे थे धांधली के आरोप
- नौ मार्च को मतगणना स्थल के बाहर डेरा डाल लें
- लोगों को वहां पहुंचने नहीं दिया जायेगा,इसकी जताई आशंका
चुनाव परिणामों को लेकर लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। जीत हार के कयासों के बीच दस मार्च का वह दिन बेहद करीब आता नजर आ रहा है जिस दिन मतगणना होगी और परिणाम घोषित किये जायेंगे। आज पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ रहे प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मतगणना के दिन गड़बड़ी की आशंका जताते हुए लोगों से निगरानी रखने के लिये मतगणना से एक दिन पहले केंद्रों पर पहुंचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नौ मार्च को कपड़े व बिस्तर लेकर मतगणना स्थलों पर ट्रैक्टर से पहुंच कर वहां डेरा डाल लें, और प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखें। हालांकि उन्होंने यह आशंका भी जताई कि मतगणना के रोज केंद्रों तक लोगों को जाने से रोका जायेगा।
बागपत के बड़ौत पहुंचे टिकैत ने कहा कि जिला पंचायत (चुनाव) में जो किया गया था, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। मतगणना शुरू होने से एक दिन पहले मतगणना केंद्रों पर पहुंचें और मतगणना स्थलों पर ट्रैक्टर के साथ डेरा डालें। उन्होंने लोगों से नौ मार्च को अपने कपड़े और बिस्तर के साथ पहुंचने के लिए कहा और दावा किया कि 10 मार्च (मतगणना के दिन) को जनता को वहां जाने की अनुमति भी नहीं मिलेगी। उनका यह भी कहना है कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है।
बता दें कि पिछले साल राज्य में हुए जिला पंचायत चुनाव में विपक्षी दलों ने बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया था। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने कहा, ”किसानों की फसलें भी ‘डिजिटल इंडिया कैंपेन’ से जोड़ दी जाएं, तो हमारा गन्ने का भुगतान भी हो जाए। हम जिस बेल्ट में हैं, एक साल से गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है लेकिन चुनाव के दौरान भुगतान 10 दिन में या 15 दिन में भी हुआ है। उन्होंने कहा, ”मेरा मतलब यह है कि सरकार जब चाहे भुगतान करवा सकती है। यदि चुनाव हर साल हों, तो गन्ने का भुगतान भी हर साल हो सकता है। देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है उससे कुछ बदलाव हो सकता है।