पंजाब। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देते हुए पंजाब की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस में बराबर बने रहेगे। पंजाब में आज नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है और इसके चंद घंटे बाद ही सिद्धू ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजह हैं। उधर आज पूर्व मुख्यमंत्री कैप्तन अमरेंदर सिंह की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी होनी है। इन सभी को देखते हुए पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव व तूफान देखने में आ रहा है।
दरअसल, जब पंजाब में मंत्रियों के नाम तय किए गए तब राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बातचीत कर इसका फैसला किया। इसमें कहीं भी नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। पहले दिन की मीटिंग में उन्हें जरूर बुलाया गया लेकिन जब राहुल गांधी शिमला से लौटकर आए तब की मीटिंग में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। दूसरी वजह यह भी मानी जा रही है कि सीएम चन्नी ने जिन भी लोगों के नाम तय करने शुरू किए चाहे वो डीजीपी हों या एडवोकेट जनरल हों, इसमें भी सिद्धू की नहीं मानी गई। माना जा रहा है कि अपनी इस उपेक्षा से नाराज होकर ही सिद्धू ने ऐसे वक्त में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है जब कांग्रेस के ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन आज गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जा रहे हैं।