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मेरठ। सरकारी विभाग डाल डाल तो चोरी करने वाले पात पात। कुछ ऐसा ही अजूबा कर दिखाया है गाजियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक निवासी विकास जैन ने। जीएसटी के 200 करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार कर विकास ने 42 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी कर ली। इस चोरी को अंजाम तक पहुंचाने के लिये विकास जैन ने तीस से ज्यादा ऐसी फर्म बनायी जिनका वजूद ही सिर्फ कागजों पर था। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) मेरठ की टीम ने विकास को गिरफ्तार कर उसके पास से भारी मात्रा में पांच सौ व दो हजार रुपये के रूप में 2.23 करोड़ रुपये नकद बरामद किये है।
मेरठ मवाना निवासी विकास जैन को बुधवार को गाजियाबाद से मेरठ सीजीएसटी कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उसे मेरठ कार्यालय पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। स्पेशल सीजेएम अंजू कांबोज की अदालत में उसे पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। विकास जैन ने जिस तरह से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया उसे जीएसटी की भाषा में टैक्सी फर्म कहते हैं, यह सिर्फ दर्शाई जाती है लेकिन धरातल पर कहीं नहीं होती। दरअसल, जीएसटी लागू होने के बाद फर्जी तरीके से बनायी गयी फर्मो के जरिये यह फर्जीवाड़ा चल रहा है। सीडीएसटी की टीम एक साल में चार हजार करोड़ रुपये के फर्जी बिल पकड़ चुकी है। तीन करोड़ रुपये बरामद कर सात लोग अब तक गिरफ्तार किये जा चुके है। प्रधान आयुक्त सीजीएसट एसवी सिंह, संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार, सहायक आयुक्त अंकित गहलौत ने कार्यालय पर मीडिया को यह जानकारी दी।