केंद्र ने नागरिकता के लिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों से मांगे आवेदन
BREAKING राष्ट्रीय

केंद्र ने नागरिकता के लिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों से मांगे आवेदन

Spread the love
119 Views

 

-पंजीकरण के लिए ऑनलाइन होगा आवेदन

-सीएए के तहत नियम अभी तक तैयार नहीं

-सरकार ने कानून की धारा पांच के तहत उठाया कदम

-2019 में सीएए को लेकर हुए थे विरोध प्रदर्शन

-31 दिसंबर 2014 तक भारत आने वालों को मिलेगी नागरिकता

नई दिल्ली। बंगाल व कुछ अन्य राज्यों के चुनाव संपन्न होने व कुछ अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच भाजपा की केंद्र सरकार ने फिर से सीएए पर काम तेज कर दिया है। सरकार ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे हैं।  साथ ही गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों जैसे गैर मुस्लिमों से भी नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 में कानून के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए इस आशय की एक अधिसूचना जारी की। यह बात और है कि सरकार ने 2019 में लागू संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है। अधिसूचना में कहा गया है कि नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा पांच के तहत यह कदम उठाया है। इसमें ऊपर बताये गये राज्यों और जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिये गये हैं। अधिसूचना के मुताबिक भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के वे लोग अभ्यर्थ होंगे जो इस समय गुजरात के मोरबी, राजकोट, पाटन और वडोदरा, छत्तीसगढ़ में दुर्ग और बलोदबाजार, राजस्थान में जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही और हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर में रह रहे हैं। इसके लिये आनलाइन आवेदन किये जायेंगे। जरूरत पड़ने पर डीएम या सचिव मामलों के हिसाब से आवेदन की जांच करेंगे।

आपको याद होगा कि साल 2019 में जब सीएए लागू हुआ तो देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था।  साल 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे हुए थे। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुताबिक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दमन के शिकार ऐसे अल्पसंख्यकों गैर-मुस्लमों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *