किसानों के धरना स्थल सिंधु बार्डर पर युवक की बेरहमी से हत्या
उत्तर प्रदेश दिल्ली-एनसीआर

किसानों के धरना स्थल सिंधु बार्डर पर युवक की बेरहमी से हत्या

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हाथ व पांव कांट दिया गया था युवक का तरनतारन के लखबीर सिंह के रूप में शिनाख्त हत्या के पीछे निहंग सिखों का नाम आया सामने किसान मोर्चे ने कहा शुरू से ही निहंग सिख बने परेशानी का सबब  अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कोई अपराधिक इतिहास नहीं हैं लखबीर सिंह का    नई दिल्ली। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर आज सुबह रक्तरंजित युवक के बरामद हुए शव ने सनसनी फैला दी। युवक को बेरहमी से मारकर बैरिकेड पर टांग दिया गया था। हत्या के पीछे निहंग सिखों का हाथ होने बताया जा रहा है जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने निहंग सिखों से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी है। वहीं भाजपा को किसान आंदोलन पर तीर चलाने का पूरा मौका मिल गया है। मारे गये युवक का नाम लखबीर सिंह है। वह तरन तारन जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था। शव मिलने के बाद  सिंधु बार्डर पर किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया था। शव का हाथ काट दिया गया था। उसकी उम्र करीब 35 वर्ष  बतायी गई है। पुलिस के मुताबिक उसका कोई अपराधिक इतिहास भी सामने नहीं आया है।  किसान मोर्चे के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि निहंग सिख शुरू से ही उनके आंदोलन के लिये एक बड़ी समस्या पैदा करते आ रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल तेज कर दी है। लखबीर का शव सुबह करीब पांच बजे देखा गया है। भाजपा आईटी सेल  प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर किसान नेता राकेश टिकैत और आंदोलनकारी किसानों पर निशाना साधा है। अमित ने ट्वीट किया, ‘बलात्कार, हत्या, वैश्यावृत्ति, हिंसा और अराजकता… किसान आंदोलन के नाम पर यह सब हुआ है. अब हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्या. आखिर हो क्या रहा है? किसान आंदोलन के नाम पर यह अराजकता करने वाले ये लोग कौन हैं जो किसानों को बदनाम कर रहे हैं?’ उन्होंने ये भी लिखा, ‘अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर में मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता, कुंडली सीमा पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती। किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे जो अराजकतावादी हैं, उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है।

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