इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा शिक्षकों से गैर शैक्षिणिक कार्य न लिया जाए
नहीं कराया जा सकता गैर शैक्षणिक कार्य
शिक्षको की ओर से विरोध में की गई थी याचिका
डीएम व बीएसए को दिये गये आवश्यक निर्देश
प्रयागराज: यूपी के शिक्षकों के लिये यह खबर निश्चित रूप से राहत भरी होगी। शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस निर्देश के बाद राज्य सरकार ने भी सभी जिलों के डीएम व बीएसए को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश दे दिये हैं।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के पैरा 27 के तहत शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। अनिवार्य शिक्षा कानून को लेकर अदालत ने पहले भी आदेश पारित किया है। इस संबंध में अदालत ने कहा कि, सुनीता शर्मा व अन्य की जनहित याचिका में पारित आदेश का कड़ाई से पालन हो। इस केस में आदेश हुआ था कि शिक्षकों की सिर्फ आपदा प्रबंधन- चुनाव और जनगणना में ही अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि, प्रदेश के सभी डीएम और बीएसए को आदेश जारी कर अनुपालन सुनिश्चित करायें।
चारु गौर और दो अन्य की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। याचियों से बूथ लेवल ऑफिसर व अन्य बहुत से कार्य लिए जा रहे हैं। इस मामले में जस्टिस विवेक चौधरी की एकल पीठ ने यह आदेश दिया है।