नई दिल्ली। उम्रदराज हो चुके एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज आईएनएस विराट को अब नहीं तोड़ा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना की सेवा से हटाए जा चुके जहाज को तोड़ने पर रोक लगा दी है। एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर उसे बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की मांग की थी। आईएनएस विराट को भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था। उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा है। साल 2007 में भारतीय नौसेना के इस विमानवाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विराट’ को रिटायर कर दिया गया था।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
विराट को भी भारत ने 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी उस वक्त खरीदा था जब उसका नाम ‘एचएमएस हर्मेस’ था और ब्रिटेश नौसेना में 25 साल गुजार चुका था। उसने अर्जंटीना के खिलाफ फॉकलैंड-युद्ध में महत्वपूर्ण हिस्सा लिया था। विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक समय तक सेवा देने के लिए शुमार है। करीब 24 हजार टन वजनी विराट की विशेष बात यह भी रही कि वह नब्बे दिन तक बंदरगाह पर वापस नहीं लौटता था। उसपर तैनात सी-हैरियर लड़ाकू विमान और सीकिंग हेलीकॉप्टर विराट की ताकत को कई गुना बढ़ा देते थे। विराट की लंबाई करीब 740 फीट और चौड़ाई करीब 160 फीट थी।