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-नामजद ससुर समेत तीन अब तक गिरफ्तार
-सुसाइड नोट में भाजपा विधायक को बताया है जिम्मेदार
-सत्ताधारी विधायक पर हाथ डालने से कतरा रही पुलिस
-नौ मार्च को मेरठ आगमन पर राज्यपाल का किया जायेगा घेराव
मेरठ। अधिवक्ताओं द्वारा कामकाज ठप किये हुए करीब बीस दिन हो गये हैं लेकिन ओंकार तोमर खुदकुशी प्रकरण में नामजद अभियुक्त पुलिस पकड़ से बाहर हैं। आंदोलन का सारा दारोमदार सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक दिनेश खटीक पर टिका हुआ है। आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी का होने के कारण चर्चित विधायक पर हाथ डालने से पुलिस कतरा रही है। आत्महत्या प्रकरण में भाजपा विधायक दिनेश खटीक समेत चौदह लोगों को नामजद किया गया है। यह नामजदगी आत्महत्या से पूर्व अधिवक्ता ओंकार तोमर द्वारा लिखे गये सुसाइड नोट के आधार पर की गई है। ओंकार तोमर ने नोट में आत्महत्या के लिये विधायक दिनेश खटीक व अन्य को जिम्मेदार बताया था। अमूमन सुसाइड नोट को पुलिस बेहद संजीदगी से लेकर धरपकड़ करती है लेकिन यहां मामला सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़ा है। इस कड़ी में अधिवक्ताओं ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक आज कचहरी के मुख्य गेटों पर कब्जा कर लिया। अधिवक्ताओं ने तालाबंदी की घोषणा की हुई है। आज अधिवक्ताओं के आने से पूर्व ही तालाबंदी की उनकी घोषणा को देखते हुए कचहरी को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। अधिवक्ता जो ताला डालना चाहते थे वह पुलिस ने डाल दिया। कुल मिलाकर आज भी वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मेरठ बार एसोसिएशन अध्यक्ष महावीर त्यागी ने दावा किया है कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाइस जिलों में तालाबंदी है। इस बीच, इतना जरूर हुआ है कि नामजद में से एक राजकुमार को पुलिस ने बीते दिन गिरफ्तार कर लिया था। राजकुमार..ओंकार तोमर के पुत्र लव कुमार के ससुर हैं। अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि नामजदगी चौदह लोगों की है।