जिंदगी संवारने की पढ़ाई बाद में, अब जीवित रहने की जंग
- जिंदगी संवारने की पढ़ाई ने सिखाया जिंदगी बचाने का सबक
- यूक्रेन में बढ़ी संख्या में पढ़ाई के लिये जाते हैं भारतीय छात्र-छात्रा
- यूक्रेन में रूसी हमलों से बद से बदतर होते जा रहे हालात
- छात्राओं को निशाना बना रही है रूसी सेना
- कई जगह तिरंगा देख छात्र छात्राओं को बढ़ाया सेना ने आगे
- हर हाल, हर हालात में मोदी सबके साथ-ज्योतिरादित्य
- ऐसे हालात में अपनों को वहां नहीं छोड़ा जा सकता-राहुल गांधी
- लखनऊ की गरिमा का आरोप-छात्राओं को ले जा रहे सैनिक
जिंदगी की तलाश में हम, मौत के कितने पास आ गये….कुछ ऐसा ही मंजर और अहसास हुआ उन युवाओं को जो यूक्रेन जिंदगी संवारने की पढ़ाई के लिये गये थे लेकिन इन हालातों में अपनी जिंदगी कैसे बचाई जाये, यह सबक सीख कर लौट आये। यूक्रेन पर रूसी हमले के पांच दिन हो गये हैं, हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पढ़ाई के लिये यूक्रेन गये भारतीय छात्रों को निकालने के लगातार प्रयास जारी हैं। इस दौरान कुछ ऐसे वीडियो सामने आये जिसमें भारतीय झंडा लगे युवाओं को रास्ता दे दिया गया तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें वह भारतीय तो बिल्कुल भी देखना नहीं चाहेगा, जिसका बच्चा विशेषत बेटी यूक्रेन में फंसी हो। आंख नम और बेबसी चेहरे पर आती जाती लकीरों को बढ़ा रही हो। कल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह प्लेन में सवार युवाओं को दिलासा देते नजर आ रहे थे कि भारतीय पीएम हर पल हर जगह,हर हालात में खड़े हैं तो आज राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा झेल रहे भारतीय छात्रों व उनके परिवार के प्रति उनकी संवेदना है, किसी भी पेरेंट्स को इससे नहीं गुजरना चाहिये। यहां बात यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के साथ हो रही मारपीट की हो रही है। इसमें रूसी सेना द्वारा छात्राओं को निशाना बनाते हुए देखा व सुना जा रहा है।
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