“किसी के पिता के बारे में कोई बोलेगा तो स्वाभाविक है कि दूसरा भी पिता के बारे में बोलेगा। आपने भी बहुत सारी रीति रिवाज नहीं मानी है
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“किसी के पिता के बारे में कोई बोलेगा तो स्वाभाविक है कि दूसरा भी पिता के बारे में बोलेगा। आपने भी बहुत सारी रीति रिवाज नहीं मानी है

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“किसी के पिता के बारे में कोई बोलेगा तो स्वाभाविक है कि दूसरा भी पिता के बारे में बोलेगा। आपने भी बहुत सारी रीति रिवाज नहीं मानी है

वो ठीक नहीं लगेगा कि मैं कुछ कहूं क्योंकि ऐसी शिक्षा नेता जी ने मुझे नहीं दी।” – सदन में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी

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