HDFC का बुरा हाल, एक झटके में साफ हुए 100000 करोड़ रुपये,निवेशक सकते में
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली। देश का दूसरा सबसे मूल्यवान शेयर बुधवार को बीएसई पर 8.46 परसेंट की गिरावट के साथ 1536.90 रुपये पर बंद हुआ। यह तीन साल में इसमें सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से निवेशकों को एक लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। बैंक का मार्केट कैप 11.67 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इससे पहले बैंक के शेयरों में कोरोना काल में 23 मार्च, 2020 को 12.7 परसेंट गिरावट आई थी। बैंक ने मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद अपना दिसंबर तिमाही का रिजल्ट जारी किया जो बाजार को पसंद नहीं आया। रिजल्ट के बाद कई ब्रोकरेज कंपनियों ने स्टॉक का टारगेट प्राइस घटा दिया जिससे इसमें गिरावट आई।
एचडीएफसी बैंक का तीसरी तिमाही में प्रॉफिट पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 34 फीसदी बढ़कर 16,373 करोड़ रुपये रहा। बीएनपी परिबा के शांतनु चक्रवर्ती ने कहा कि बैंक का एनआईएम 3.7 परसेंट रहा लेकिन पिछली तिमाही के मुकाबले यह फ्लैट रहा। इससे निवेशकों को निराशा हुई। इस रिजल्ट के बाद जेफरीज ने एचडीएफसी बैंक के शेयर का टारगेट प्राइस 2,100 से घटाकर 2,000 रुपये कर दिया। पिछले दो साल में एचडीएफसी बैंक के शेयरों में केवल एक फीसदी तेजी आई है जबकि इस दौरान सेंसेक्स में 17 फीसदी उछाल रही है। एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल अपनी पेरेंट कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के साथ रिवर्स मर्जर कंप्लीट किया था।
एचडीएफसी बैंक ने मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की। बैंक का नेट प्रॉफिट दिसंबर तिमाही में पिछले साल के मुकाबले 34 परसेंट की तेजी के साथ 16,372.54 करोड़ रुपये रहा। दिसंबर तिमाही में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम 24 फीसदी की तेजी के साथ 28,471.34 करोड़ रुपए पहुंच गई। पिछली तिमाही के आधार पर देखें तो बैंक का प्रॉफिट 2.5% और नेट इंटरेस्ट इनकम करीब चार फीसदी बढ़ी है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस के बाद एचडीएफसी बैंक देश की तीसरी सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी है।