दाहोद SP बोले- हमें उनके सरेंडर की जानकारी नहीं,  SC के फैसले की कॉपी भी नहीं मिली
दिल्ली-एनसीआर

दाहोद SP बोले- हमें उनके सरेंडर की जानकारी नहीं,  SC के फैसले की कॉपी भी नहीं मिली

Spread the love
203 Views

बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषी पुलिस के संपर्क में नहीं है। गुजरात के दाहोद SP बलराम मीणा ने दावा किया है कि पुलिस को दोषियों के सरेंडर करने की जानकारी नहीं मिली है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की कॉपी भी नहीं मिली, जिसमें 11 दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है । सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को गुजरात में 2002 दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा- गुजरात सरकार दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी । दाहोद SP ने बताया कि सभी दोषी गुजरात के सिंगवाड के रहने वाले हैं। उनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए आते रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है । बिलकिस बानो केस में फैसला सुनाते वक्त जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा था कि सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है। पीड़ित की तकलीफ की भी चिंता करनी होगी। गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। उसने अपनी सत्ता और ताकत का दुरुपयोग किया है । इस कमेंट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी (रिटायर्ड) के उस फैसले को भी रद्द कर दिया था, जिसमें 11 दोषियों को गुजरात सरकार से शीघ्र माफी के लिए अपील करने की अनुमति दी गई थी। गुजरात सरकार ने इन्हें 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था । बिलकिस के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की गई थी । दूसरी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के मई में दिए आदेश पर विचार करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है ?

गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भड़के थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई थी। दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थीं । दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया। इस हमले में उनके परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 6 लोग लापता पाए गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे । गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। जनवरी 2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की सबजेल में भेज दिया गया था

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *