- रक्षा बंधन कब बनाये इसे लेकर दुविधा बरकरार
- अधिकांश त्यौहारों की तिथि डबल होने से असमंजस
- 11 अगस्त को शुभ महूर्त है रक्षा बंधन के लिये
- भद्रा का साया होने के कारण पैदा हुई यह दुविधा
- 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक ही पूर्णिमा तिथि रहेगी
रक्षा बंधन 11 अगस्त को मनाया जाये अथवा 12 अगस्त को ? इसे लेकर इस साल भी लोगों के बीच असमजंस की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग 11 अगगस्त को रक्षा बंधन मनाने की बात कर रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को। सवाल उठ रहा है कि आखिर यह असमंजस की स्थिति क्यों बन रही है। इसे लेकर फर्स्ट बाइट ने कई ज्योतिषों व पंडितों से वार्ता की है। सभी का निष्कर्ष यहां दिया जा रहा है।
बता दें कि ज्योतिषियों ने स्पष्ट किया है कि रक्षाबंधन पर्व इस साल गुरुवार, 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। दरअसल, यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाने की परंपरा है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल यह तारीख 11 अगस्त को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। अब सवाल उठता है कि पूर्णिमा तिथि के बावजूद कुछ लोग 11 अगस्त की बजाए 12 अगस्त को त्योहार मनाने की क्यों सोच रहे हैं।
दरअसल, भृगु ज्योतिष अनुसंधान केंद्र मेरठ के अध्यक्ष पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि भद्रा के कारण यह असमंजस के हालात पैदा हुए हैं। इस साल 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा के साए ने लोगों को भ्रमित कर दिया है। इसी डर से लोगों में 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने की गलत जानकारी फैल रही है। पंडित राजेश शर्मा का कहना है कि पाताल लोक में होने की वजह से भद्रा का साया मान्य नहीं होगा। इससे धरती पर होने वाले शुभ कार्य भी बाधित नहीं होंगे। इसके अलावा 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक ही पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसके बाद भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी और त्योहार का महत्व और मुहूर्त दोनों समाप्त हो जाएंगे। इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाना चाहिये।
भृगु ज्योतिष अनुसंधान केंद्र मेरठ के अध्यक्ष पंडित राजेश शर्मा का कहना है कि रक्षाबंधन पर दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 53 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस 53 मिनट के शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधना बेहद शुभ होगा। फिर दोपहर के वक्त 02 बजकर 39 मिनट से लेकर 03 बजकर 32 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। आप 53 मिनट के इस शुभ मुहूर्त में भाई को राखी बांध जा सकेगी। इसके बाद शाम 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक अमृत काल लगेगा। 01 घंटे 25 मिनट के इस शुभ मुहूर्त में भी आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
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