अंतत: देश में लागू हुआ सीएए, मोदी सरकार का नोटिफिकेशन,गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता
केंद्र की मोदी सरकार ने आखिरकार सोमवार की शाम सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। अब यह कानून देश में लागू हो गया है। सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। वहीं केरल के मुख्यमंत्री ने सीएए लागू करने से इनकार कर दिया है। पी विजयन का कहना है कि इसमें मुस्लिम अल्पसंख्यकों से भेदभाव किया गया है।
आज शाम एकाएक यह सूचना फ्लैश हुई कि कुछ ही समय बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण ऐलान कर सकते हैं। तमाम बड़ी घोषणाओं के पूर्व इतिहास को देखते हुए देशवासी सतर्क हो गये कि कुछ न कुछ बड़ा ही आने वाला है। ऐन मौके पर लेकिन पीएम मोदी का एक ट्वीट आया जिसमें उन्होंने डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दे दी। हालांकि तब तक यह भी खबर आनी शुरू हो गयी थी कि सरकार ने देश में सीएए लागू करने का फैसला कर लिया है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हाल फिलहाल कई मौकों पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा था कि लोकसभा चुनाव से पूर्व देश में सीएए कानून लागू कर दिया जायेगा। कुछ समय बाद ही आज सोमवार को मोदी सरकार ने सीएए कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
जो कहा सो किया…
मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी। pic.twitter.com/YW8mFyjJxJ
— BJP (@BJP4India) March 11, 2024
सीएए में क्या होगा अब इसको बारीके से समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। विशेष बात यह भी है कि नागरिकता के लिये आवेदन गैर मुस्लिम ही कर सकेंगे, मुस्लिम कतई नहीं।
जहां तक बात भारतीय नागरिकों की है तो इसका भारतीय नागरिकों से कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। इसके लिये आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि पांच साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों ( मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा?
जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये।
चाहे कुछ हो…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 11, 2024
सीएए के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। संसद ने सीएए पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा आठ बार बढ़ा चुकी है। वहीं उत्तराखंड पहले ही सीएए लागू करने वाला देश का पहला राज्य घोषित हो चुका है। सीएम धामी ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी।
#WATCH | On the CAA notification, Rajasthan Minister Rajyavardhan Rathore says, "The CAA law was passed about three years ago, the wait was for its rules and regulations to be made. Now it has been made… I congratulate Prime Minister Narendra Modi and the Home Minister for… pic.twitter.com/qTv4tSZ3Gk
— ANI (@ANI) March 11, 2024
सीएए के नोटिफिकेशन के बाद दिल्ली व यूपी में पुलिस सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
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