अतीक अब अतीत हुआ, हत्याकांड का सटीक तानाबाना किसने बुना ?

अतीत में तब्दील हो चुके अतीक अहमद की फाइल फोटो। First Byte.tv
कुख्यात अतीक अहमद अब अतीत हो गया। 15 अप्रैल की रात तीन शार्प शूटर अरुण मौर्य, सनी सिंह व लवतेश तिवारी ने बेहद की सनसनीखेज तरीके से अतीक को उसके भाई अशरफ के साथ मौत के घाट उतार दिया। मौके पर ही दोनों की जब तक मौत नहीं हुई तीनों लगातार गोलियां बरसाते रहे। दोनों की सुरक्षा में तैनात अत्याधुनिक हथियारों से लैस पुलिस जवान एक गोली तक न चला पाये। वह भी तब जबकि एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सूचित किया था कि ऐसे इनपुट मिल रहे हैं कि अतीक पर हमला हो सकता है, या उसे भगाया जा सकता है। इतना सब कुछ हुआ लेकिन वह शख्स अभी भी पर्दे के पीछे हैं जिसने अतीक को अतीत बनाने का षडयंत्र रचा। एक बात और, तीनों ही हत्यारे एकदूसरे को जानते तक नहीं थे, ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही हैं। यानी हत्या का ताना बाना किसी और ने बुना और बेहद घातक व महंगे हथियार शार्प शूटर्स को मुहैया कराये। क्योंकि जिस तरह का परिवारिक परिवेश सामने आया है,उसके चलते तो दस लाख की पिस्टल इनके द्वारा खरीदना असंभव जैसा नजर आता है।
(इस तरह अपने संग अशरफ संग मारा गया अतीक अहमद👇)
हत्याकांड को अंजाम देने के साथ ही तीनों ने सरेंडर कर दिया था। तुरंत ही पुलिस हरकत में आई और तीनों को ही वाहन में डालकर मौके से कहीं अन्यंत्र ले गई। तीनों को नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। अब सुरक्षा को देखते हुए तीनों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है। दरअसल, नैनी जेल में अतीक का बेटा अली अहमद भी बंद है। वहां गैंगवार की आशंका को देखते हुए ऐसा किया गया है। पुलिस की जानकारी में यह भी आया है कि जिस पिस्टल से हत्या की गई, उसे मेरठ के ही अपराधी सोढ़ी ने सनी को रखने के लिए दी थी।
STF और पुलिस की पूछताछ में निकल कर आया है कि तीनों प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं। तीनों का आपराधिक इतिहास भी है। तीनों अलग-अलग शहरों से प्रयागराज आकर होटल में रुके थे। तीनों को एक साथ लाने, प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने वाली इस वारदात को अंजाम दिलाने, विदेशी हथियार मुहैया कराने, मीडिया का फर्जी आईडी कार्ड बनवाने वाला कौन है, पुलिस इसकी जांच में जुटी है।