भाजपा विधायक के पास से आठ करोड़ बरामद, गड्डियां देखकर हर कोई दंग
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भाजपा विधायक के पास से आठ करोड़ बरामद, गड्डियां देखकर हर कोई दंग

Mar 3, 2023
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  • विधायक का बेटा 40 लाख की रिश्वत लेता गिरफ्तार
  • गिरफ्तारी के बाद मारे गये छापे में आठ करोड़ बरामद
  • विधायक के घर से छह करोड़ जबकि आफिस से 1.7 करोड़ मिले
  • विपक्ष 40 फीसदी कमीशन का खुला आरोप लगा रहा
  • (बीडब्ल्यूएसएसबी) के मुख्य लेखाकार प्रशांत मदल
  • मदल वीरूपक्षम्मा ने KSDL अध्यक्ष पद छोड़ा

कर्नाटक में भाजपा विधायक मदल विरूपक्षम्मा की काली करतूत आठ करोड़ रुपये की गड्डियों के रूप में सामने आई है। नोटों की इतनी गड्डियां देखकर हर कोई हैरान है। इससे पूर्व लोकायुक्त के अफसरों ने विधायक के बेटे प्रशांत मदल को चालीस  लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत ने ठेकेदार से 81 लाख रुपये बतौर रिश्वत मांगे थे। चुनाव से दो माह पूर्व हुए इस खुलासे ने भाजपा की परेशानी निश्चित रूप से बढ़ा दी है। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति की बढ़चढ़कर घोषणा करनी वाली भाजपा को अब भ्रष्टाचार के इस खुलासे का भी जवाब देना पड़ेगा।विपक्ष भाजपा की कर्नाटक सरकार पर चालीस फीसदी कमीशन और सरकारी टेंडरों में घूसखोरी को लेकर पहले से ही हमलावर है।

बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) के मुख्य लेखाकार प्रशांत मदल हैं। कर्नाटक लोकायुक्त के अधिकारियों ने आज 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त ने तलाशी अभियान चलाया तो विधायक व बेटे के घर से करीब छह करोड़ रुपया जबकि आफिस से 1.7 करोड़ रुपया नकद बरामद किया गया है। प्रशांत, चन्नागिरि विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा भाजपा विधायक के. मदल विरुपक्षप्पा का बेटा हैं। साल के अंत में कर्नाटक में चुनाव होना है, ऐसे में इस घटना को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक गंभीर झटके के रूप में देखा जा रहा है। कमीशन व भ्रष्टाचार की मिसाल बना यह मामला उस वक्त सामने आया है जब विपक्ष कर्नाटक की भाजपा सरकार पर 40 फीसदी कमीशन और सरकारी टेंडरों में घूसखोरी को लेकर हमलावर है।

इस ताजे घटनाक्रम के बीच भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा ने KSDL के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है। विधायक ने कहा कि जिस टेंडर के मामले में बेटे ने घूस ली, उसमें वह शामिल नहीं हैं। वीरुपक्षप्पा के इस्तीफे से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि लोकायुक्त को दोबारा शुरू करने का मकसद राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करना था।

दरअसल, कर्नाटक साबुन और डिटर्जेट लिमिटेड (केएसडीएल) को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए निविदा के आवंटन के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी। मदल विरूपक्षम्मा केएसडीएल के अध्यक्ष हैं। अधिकारियों द्वारा भाजपा विधायक विरुपक्षप्पा से पूछताछ की भी संभावना है, क्योंकि कच्चे माल की खरीद निविदा के लिए केएसडीएल अध्यक्ष के लिए से रिश्वत का पैसा प्राप्त किया गया था। इस बारे में लोकायुक्त ने जानकारी दी है कि घूस के तौर पर 81 लाख रुपये मांगे गए थे। व्यक्ति 40 लाख रुपये दे रहा था।’ प्रशांत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में वित्तीय सलाहकार भी रहे हैं। एसीबी के बंद होने के बाद उन्होंने लोकायुक्त में शामिल होने के प्रयास किए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था।

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