अतीक का बेटा असद और उसका सहयोगी गुलाम एनकाउंटर में ढेर, फूटफूट कर रोया अतीक

झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को एसटीएफ की टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया। असद के साथ उसके सहयोगी शूटर गुलाम को भी ढेर कर दिया गया। एक तरफ अतीक अहमद को कोर्ट में पेश किया जा रहा था वहीं दूसरी ओर उसके बेटे असद को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मार गिराया। बेटे के एनकाउंटर की खबर सुनकर अतीक व उसका बड़ा बेटा कोर्ट मे ही रोने लगे यहां तक कि अतीक तो रोते रोते बेहोश भी हो गया था।वहीं अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस रिमांड सात दिन और बढ़ा दी गई है
एनकाउंटर के बाद पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि अतीक का बेटा असद और उसका साथी गुलाम दोनों प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड थे। दोनों पर पांच ए पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ टीम की आज दोनो से मुठभेड़ हुई थी जिसमे पुलिस ने दोनो हत्यारों पर फायर कर दोनो को ढेर कर दिया। दोनो के पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं। प्रमुख सचिव गृह ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी है उन्होंने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए यूपीएसटीएफ की सराहना की है। हालांकि एनकाउंटर के बाद अब कानून व्यवस्था को लेकर बैठक बुलाई गई है।
वहीं जब कोर्ट में अतीक अहमद को बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में पता चला तो वह वहीं पर फूटफूट कर रोने लगा और रोते रोते बेहोश हो गया उसने पेशी के दौरान कोर्ट ही कई बार पानी मांगा शायद उसको बेटे की मौत का पहले ही आभास हो गया था। इसी के साथ अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस रिमांड 7 दिन और बढ़ा दी गई है। इन सात दिनों की रिमांड में दोनों से उमेश पाल हत्याकांड का सारा सच उगलवाया जायेगा। वैसे तो उमेश पाल की हत्या के दौरान ये दोनो जेल में कैद थे लेकिन फिर भी इनपर साजिश रचने का आरोप है। कोर्ट के सामने उमेश पाल हत्या कांड में अब तक हुई जांच और जया पाल का बयान रखा गयाण् सबूत और बयान को आधार बनाते हुए पुलिस ने दोनों की 14 दिन की रिमांड मांगीण् दोनों तरफ की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने अतीक और अशरफ की 7 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की है।
अतीक और अशरफ को सुबह 11.10 बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत में पेश किया गया था। अतीक को गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज लाया गया है। वहीं उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली की एक जेल से सड़क मार्ग के जरिये प्रयागराज लाया गया है।