रूद्राभिषेक की महत्वता अपरम्पार,होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण- आचार्य संतोष दास
मेरठ

रूद्राभिषेक की महत्वता अपरम्पार,होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण- आचार्य संतोष दास

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कथावाचक आचार्य संतोष दास महाराज ने शिवपुराण की महिमा का व्याखान करते हुए सावन मास में कथा को सुनने का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में और उससे अधिक मास में शिवपुराण का श्रवण करने से समस्त कार्यों की सिद्धि प्राप्त होती है।

कथा व्यास औघड़नाथ मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथावाचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अतिथि सत्कार, शिवपूजन नित्य देवपूजन पितृतर्पण श्राद्ध,ग्रंथो का स्वाध्याय एवमं गाय पूजन का अत्यंत महत्व है। सावन माह भगवान शिव को समर्पित है। बहुत सारे जातक सावन शुरू होने के साथ ही शिवजी की पूजा एवं रुद्राभिषेक जैसे विशेष आयोजन करवाते हैं।

मान्यता हैं कि भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराने से शिवजी प्रसन्न होकर जातक की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। घर में खुशियां आती हैं, और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। जिन जातकों के विवाह में किसी तरह की अड़चने आती हैं, उनके द्वारा रुद्राभिषेक कराने से विवाह में आ रही बाधाएं मिटती हैं।

उन्होंने कहा कि रूद्राभिषेक की पूजा आप चाहे घर अथवा शिव मंदिर में कहीं भी करवा सकते हैं। अधिकांश लोग घर में ही यह अभिषेक करवाना पसंद करते हैं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है और बुरी शक्तियां नष्ट होती हैं। शिव पुराण के अनुसार जातक को जिस तरह की समस्याएं परेशान करती हैं, उसी के अनुसार अमुक वस्तुओं से रुद्राभिषेक करवाना चाहिए, यानी जिस वस्तु से आप रुद्राभिषेक करवाएंगे, उसी के अनुसार फल की प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से शीघ्र ही मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है.उन्होंने कहा शिव पुराण में शिव जी को ही रूद्र माना गया है, और शिव जी की पूजा में छोटी सी त्रुटि से भी भगवान शिव रूष्ठ हो सकते हैं, और रुद्राभिषेक एक कठिन आयोजन है, इसलिए बेहतर होगा कि किसी जानकार पुरोहित से ही रुद्राभिषेक कराना चाहिए।

आयोजक शम्मी ने बताया कि कथा आठ अगस्त तक रोज दोपहर साढ़े तीन बजे से शुरू होकर प्रभु इच्छा तक होगी। कथा के तीसरे दिन शिव विवाह का आयोजन किया जाएगा। इसमें सुंदर झांकियों के माध्यम से भक्तिमय माहौल बन जाएगा। वहीं शनिवार पांच अगस्त को गणेश उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें गणेश के दर्शन की सुंदर झांकी होगी।

बुधवार नौ अगस्त को पूर्णाहूति सुबह नौ बजे दी जाएगी। इसके बाद मंदिर में दोपहर 12 बजे विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। आयोजन में शोभा सपरा, परमानंद सपरा, सागर, आशिमा, शिवा सपरा, शैफाली और सौरभ रांचल, समर और सारा आदि का सहयोग रहा। इस अवसर पर गीता सचदेवा,संगीता जुनेजा, बीना वाधवा, गीता अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।

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