पंजाब में दुर्घटनाग्रस्त मिग-21 में मेरठ ने अपना पायलट लाल खोया
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पंजाब में दुर्घटनाग्रस्त मिग-21 में मेरठ ने अपना पायलट लाल खोया

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-गंगासागर में रहते हैं  माता पिता

-एक साल पहले ही एक रूपये में की थी शादी

-बागपत मवीकला की निवासी हैं पत्नी सोनिका

-गुरूवार की रात एक बजे भरी थी उड़ान

-अंतिम समय में पैराशूट नहीं खुल पाया

मेरठ। पंजाब के मोगा में बीती रात जो मिग  21 दुर्घटनाग्रस्त हुआ उसे मेरठ निवासी पायलट  स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी चला रहे थे। उनके माता पिता यहां गंगानगर थाना इलाके के गंगासागर के सी ब्लाक में रहते हैं। अभी करीब एक साल पहले ही अभिनव की बागपत मवीकला निवासी सोनिका उज्जवल से एक रूपये की शादी हुई थी। जिस कारण से वह इलाके में खासे चर्चा में आये थे।  एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान पायलट अभिनव चौधरी ने मिग-21 से राजस्थान के सूरतगढ़ के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन मोगा में एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। एयरफोर्स ने इस हादसे की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।  पुराने पड़ चुके रशियन मिग 21 जिस तरह से एक के बाद एक गिर रहे हैं उसे देखते हुए इसे पायलटों के ताबूत की संज्ञा दी जा रही हैं। पिछले  सालों में 483  मिग 21 क्रैश हुए हैं जिसमें करीब दो सौ पायलट मारे जा चुके हैं। इसे देखते हुए इसे अब एयरफोर्स से पूर्णत हटा देने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है।

गंगासागर निवासी सतेंद्र चौधरी अपनी पत्नी सत्या चौधरी के साथ पूर्व में विजयलोक व कृष्णा लोक में रहते थे, इसके बाद वह गंगानगर चले गये। उनके दो बच्चे अभिनव व मुद्रिका हैं। ट्रांसलेम से शुरूआती शिक्षा पाने वाले अभिनव चौधरी ने एयरफोर्स ज्वाइन कर ली थी। एयरफोर्स सूत्रों ने बताया कि पश्चिमी सेक्टर में इन दिनों इंडियन एयरफोर्स की ट्रेनिंग चल रही है। कल रात करीब एक बजे स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी ने अपना मिग-21 बाइसन लेकर उड़ान भरी।  रात करीब दो बजे वह सूरतगढ़ एयरबेस की तरफ वापस लौट रहे थे। मोगा के ऊपर से निकलते समय विमान के इंजन में आग लग गई। अभिनव ने आखिरी समय तक विमान को संभालने का प्रयास किया, ताकि वे इसे आबादी क्षेत्र से दूर ले जा सकें। आबादी से दूर उन्होंने इजेक्ट किया, लेकिन तब तक विमान काफी नीचे आ चुका था। ऐसे में इजेक्ट करने के बावजूद उनका पैराशूट खुल नहीं पाया। इसके बाद विमान एक जोरदार धमाके के साथ नीचे जा गिरा। उससे दो KM दूर अभिनव चौधरी का करीब चार घंटे बाद शव मिला है।

इससे पहले 17 मार्च को भी एक हादसे में फाइटर विमान MIG-21 बाइसन उड़ान के दौरान क्रैश हुआ था। इस हादसे में एयरफोर्स के कैप्टन की जान चली गई थी। जनवरी में राजस्थान के सूरतगढ़ में भी मिग-21 बाइसन क्रैश हुआ था। उस वक्त उड़ान के दौरान विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी।

किसी जमाने में मिग-21 को इंडियन एयरफोर्स का बैकबोन कहा जाता था, लेकिन अब ये विमान पुराने हो चुके हैं। अपग्रेड के बावजूद ये न तो वॉर के लिए फिट हैं और न ही उड़ान के लिए।

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