
देश में कोरोना का खतरा फिर गहराया, एक्टिव केस 5000 पार
15 दिन में कोरोना मामलों में 20 गुना उछाल
नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ी देखने को मिल रही है। 22 मई को जहां केवल 275 सक्रिय मामले थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 5,000 से ऊपर पहुंच गया है। यानी बीते पंद्रह दिनों में सक्रिय केसों की संख्या में लगभग 20 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केरल, गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दिए दिशा-निर्देश
तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल कर अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। सभी राज्यों को ऑक्सीजन की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की स्टॉक की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में देश में कोरोना के 5,364 सक्रिय मामले हैं और बीते 24 घंटे में 4 नई मौतें दर्ज की गई हैं।
ज्यादातर मरीजों में लक्षण हल्के, घर पर इलाज संभव
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अधिकतर मरीजों में या तो हल्के लक्षण हैं या वे पूरी तरह बिना लक्षणों के हैं। ऐसे मामलों में डॉक्टरों ने सलाह दी है कि संक्रमित व्यक्ति घर पर आइसोलेट रहते हुए इलाज करें, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। जनवरी 2025 से अब तक कोरोना से देश में कुल 55 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है।
तीन जून तक हुईं कई उच्चस्तरीय बैठकें
कोरोना की स्थिति और उससे निपटने की रणनीति पर विचार करने के लिए 2 और 3 जून को कई अहम बैठकें हुईं। इन बैठकों की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा ने की, जिसमें ICMR, NCDC, IDSP और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल थे।
राज्यों में निगरानी प्रणाली सख्त
4 जून को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्यों में ILI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) के मामलों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। सभी गंभीर मामलों की टेस्टिंग की जा रही है और पॉजिटिव नमूनों को ICMR के लैब नेटवर्क के जरिए जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है ताकि संक्रमण के नए रूपों की पहचान की जा सके।