संजय शुक्ला जर्नलिस्ट ने PM मोदी के ट्वीट पर दिया यह जबाब, देखिए
आप इसकी कल्पना भी नही कर सकते जिन लोगों को झूठे मुकदमों मे फसाकर जेल मे भेजा जाता है । पोलिस की क्रूरता के कारण उनके परिवार और बच्चों पर क्या बीतती है कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण पुरा का पुरा पोलिस महकमा बदनाम है । लोग पुलिस के पास जाने से भी डरते हैं की वो उल्टा उन्हे ही झूठे केस में ना फ़सा दे क्योंकि इनका भ्रष्टाचार किसी से छुपा नही है। फिर भी सरकार इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर रही है | जब पुरे विश्व मे कोविड चर्म पर था। कई देशों ने अपने कैदियों को रिहा कर जेल खाली कर दी थी । लेकिन भारत मे ऐसा नही हुआ चोर और पाकेट मारों को छोड़ा गया और एक 1600ft के बराक मे 200 कैदी और 12 हज़ार किलो समान रखा था ऐसी हैवानियत किसी भी देश की सरकार ने नही की आज भी भारत की जेल 70℅ बेगुनाह सजा काटते हैं और उसका कारण है बेमानी। झूठे बलात्कार के केसों के कारण पीड़िता को भी न्याय नही मिल पाता प्रेम प्रसंग और घरेलू झगड़ों के शिकार पोलिस के हत्थे चढ़ ऐसे जगन्ह्य अपराधों की सजा काट रहे हैं । पिछड़ा वर्ग जिसे नियम कानून के बारे मे कुछ पता नही वह बाल विवाह के चक्कर मे बलातकार की सज़ा काट रहे हैं | महिलाओं की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बने कानून उन्ही के अधिकारों और आज़ादी के लिए घातक बन गए हैं पुलिस को केवल पैसों से मतलब है न्याय से दूर दूर तक कोई सरोकार नही है | अब जरा सोचिये की उन परिवारों पर क्या बीती होगी और क्या बीतती है जिनके घर के लोग बिना किसी अपराध के जैलों मे बंद कर दिये जाते हैं खासकर कोविड जैसी महामारी के समय क्या कोई इसकी भरपाई कर सकता है ।।