तिहाड़ जेल की सुरक्षा राम भरोसे, हाईकोर्ट ने लिया कड़ा रूख
दिल्ली-एनसीआर हरियाणा

तिहाड़ जेल की सुरक्षा राम भरोसे, हाईकोर्ट ने लिया कड़ा रूख

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  • गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड 
  • बेखौफ बदमाशों ने पहुंचाया हत्याकांड को अंजाम
  • पुलिस की मौजूदगी में दोबारा किये घातक प्रहार
  • बदमाश प्रहार करते रहे पुलिस देखती रही
  • हाईकोर्ट ने जेल अधीक्षक को किया तलब

दिल्ली की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली तिहाड़ जेल में गैंगवार के बाद जिस तरह से टिल्लू ताजपुरिया को मौत की नींद सुलाया गया उसने तमाम गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। एक सवाल यह भी कि क्या बिना जेल प्रशासन के संरक्षण व मिलीभगत के इस तरह हत्याकांड को अंजाम दिया जा सकता है ? वह भी पुलिस की भारी मौजूदगी में। बेखौफ बदमाश पुलिस की मौजूदगी में जिस तरह नीचे पड़े टिल्लू पर वार कर रहे थे, इस बात का साफ संकेत है कि उन्हें पूरी तरह पता था कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान उन्हें कोई नहीं रोकेगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हत्या रोकने में विफल रहे तिहाड़ जेल के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है।

हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन से स्टेट्स रिपोर्ट भी मांगी है। जेल अधीक्षक को भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

दरअसल, हाल ही में तिहाड़ जेल में बेहद योजनाबद्ध तरीके से गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतार दिया गया। चार पांच  कैदियों ने एक के बाद एक 90 से ज्यादा जेल में ही बनाये हथियारों से वार किये। ये हथियार टाइल्स, लोहे की रोड आदि का इस्तेमालकर बनाये गये थे। जिस तरह से वार किये जा रहे थे उसे देखते हुए समझा जा सकता था कि हमलावर किसी भी कीमत पर टिल्लू को जीवित नहीं छोड़ना चाहते थे। इसके बाद जब मरणासन्न अवस्था में टिल्लू को बैरक से बाहर लाया गया तो वहां पहले से  मौजूद बदमाशों ने फिर पुलिस की मौजूदगी में उस पर तब तक वार किये जब तक टिल्लू ने दम न तोड़ दिया हो। यह सब सीसीटीवी में भी कैद हो गया है।

इस हत्याकांड को लेकर टिल्लू ताजपुरिया के पिता और भाई सीबीआई जांच की मांग के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली है।  इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश पारित किया और साथ ही अफसरों पर भी टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को आदेश दिया है कि वे चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बताएं। जस्टिस जसमीत सिंह ने दिल्ली पुलिस से ताजपुरिया के पिता और भाई को सुरक्षा देने पर विचार करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को होगी।

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