लोकदल की धमाकेदार एंट्री से यूं बढ़ा पश्चिम की सिसायत का पारा 
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लोकदल की धमाकेदार एंट्री से यूं बढ़ा पश्चिम की सिसायत का पारा 

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सर्दी यूं तो अपना रंग बिखेर रही है लेकिन राजनीतिक गलियारे में लोकदल की धमाकेदार एंट्री ने गर्मी ला दी है। सियासत का पारा अचानक से  बढ़ गया है।  पू्र्व प्रधानमंत्री चौ.चरण सिंह के पैतृक गांव नूरपुर मढैया से दिल्ली के किसान घाट तक अपनी धमक से चौ.विजेंद्र सिंह ने इस बेल्ट में लोकदल को संजीवनी दे दी है। साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के लिये एक बड़ी चुनौती भी। नूरपुर में वाशिंदों का यह दर्द उभर कर सामने आया कि इस गांव के लिए चौधरी साहब की राजनीतिक विरासत संभालने वाले राष्ट्रीय लोकदल ने भी कुछ नहीं किया तो किसान घाट पर यह मांग भी उभरी कि वक्त आ चुका है जब चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया जाना चाहिये। जिस तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गली कूचे से होते हुए किसान घाट तक, होर्डिंग्स,बैनर व पोस्टर चस्पा किये गये हैं उसने सभी विरोधी राजनीतिक दलों के सामने भी लंबी लाइन खींच दी है। राष्ट्रीय महासचिव पद पर काबिज होने के बाद  चौ.विजेंद्र सिंह ने जिस तरह से होर्डिग्स वार छेड़ा है उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अन्य राजनीतिक दलों के लिये इसे छू पाना भी यह एक बड़ी चुनौती होगा।लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। माना जा रहा है कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के कुछ समय बाद ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। इसके साथ ही मार्च माह तक चुनाव करा लिये जाने की भी संभावना है। भाजपा ने जहां राम मंदिर के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार करने का मन बना लिया है वहीं अन्य राजनीतिक दल अभी तक इसकी काट क्या हो यह समझ नहीं पा रहे हैं। विशेष रूप से तब जबकि पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा ने तमाम अटकलों को दरकिनार रख कर अपनी दमदार मौजूदगी साबित  कर दी है। पीएम मोदी ने तो यहां तक गारंटी दे दी है कि 2024 में भी भाजपा की ही सरकार बनने जा रही है। ऐसे में यूपी में लोकदल की इस धमाकेदार एंट्री ने विपक्ष के सामने चुनाव बेहद महंगा होने जा रहा है इसका भी संकेत दे दिया है। जहां तक  बात लोकदल की है तो उसकी मौजूदगी अभी तक यूपी के पूर्वी इलाकों में रही है लेकिन चौ.विजेंद्र सिंह के महासचिव बनने के बाद पश्चिम भी खेत जोतते किसान के हरे सफेद झंडे,पोस्टर व होर्डिंग से ढक गया है। हालांकि यह होर्डिंग वार मतदाताओं को अपनी ओर खींच पाने में कितना सफल होगा, यह अभी कहना बेहद जल्दबाजी होगी।दिलचस्प व गंभीर बात यह भी है कि लोकदल ने अपनी राजनीति का केंद्र फिलहाल उन क्षेत्रों को रखा है जिन्हें राष्ट्रीय लोकदल का गढ़ या प्रभाव वाला इलाका माना जाता है। साफ है कि लोकदल जितना आगे बढ़ेगा राष्ट्रीय लोकदल के लिए उतनी ही बड़ी चुनौती साबित होगा। राष्ट्रीय महासचिव चौ.विजेंद्र सिंह ने चौ.चरण सिंह के पैतृक गांव में बड़ा समारोह कर वहां के ग्रामीणों को यह कहने के लिये विवश कर दिया कि यहां ऐसा जन्मदिन इससे पहले कभी नहीं मनाया गया। यहां गांव गांव से दूध एकत्रित कर मिठाई बनायी गयी इसका इसका वितरण नूरपुर मढैया के साथ ही किसान घाट पर भी किया गया। चौ,चरण सिंह के जन्म दिवस पर लोकदल ने मेरठ से किसान घाट तक अपने लाव लश्कर संग वाहनों की रैली निकाल कर राजनीतिक पारे को बढ़ा दिया। हजारों की तादाद में इस रैली में शामिल ट्रैक्टरों को मुरादनगर रोक दिया गया जबकि यूपी गेट से सिर्फ कारों के काफिले को ही पुलिस ने आगे बढ़े दिया। किसान घाट पर  राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह व महासचिव विजेद्र सिंह ने साफ कहा कि आज भी किसान व उनके बच्चे तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं। एकमात्र लोकदल ही है जो किसानों को उसकी फसल का वाजिब दाम यानी एमएसपी पर खरीद कराने का कार्य करेगा ।।

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