-सरकारी चिकित्सक, सरकार के आदेश पर भारी
-सरकार की मंशा सभी को इलाज मिले
-सिस्टम को नहीं लेकिन किसी की कोई सुध
-सुबह पहुंचे तीमारदारों को दोपहर तक उपचार न मिला
-डाक्टर कब आयेंगे यह बताने वाला भी नहीं मिला
मेरठ। सरकारी व्यवस्था पर सरकारी व्यवस्था को चलाने वाले ही किसी गृहण से कम नहीं हैं। यूपी की योगी सरकार की कोशिश है कि हर उस परेशान व्यक्ति को इलाज मिले जो लाकडाउन के कारण बंद पड़ी सरकारी सेवाओं से वंचित चला आ रहा है।
इन दिनों कोरोना के अलावा अन्य किसी मरीज को देखा नहीं जा रहा है..जिस कारण बाकी लोगों को परेशानी बढ़ गई है। इसे दूर करने के लिये ही योगी आदित्यनाथ ने आज यानी चार जून से प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी शुरू करने के आदेश दिये हैं लेकिन सरकारी व्यवस्था तो आखिर सरकारी ही ठहरी। मेरठ जिला अस्पताल के हालात यह हैं कि यहां तीमारदार लंबे समय से इलाज की बाट जोह रहे अपने मरीजों को लेकर तो पहुंचे लेकिन वहां देखने अथवा माकूल जवाब देने वाला कोई चिकित्सक नहीं था। सुबह सात बजे से लाइन में लगे लोगों को दस बजे तक भी जब कोई चिकित्सक नहीं उपलब्ध हुआ तो उन्होंने नाराजगी जताई। हालांकि इस शोरशराबे व नाराजगी को भी देखने वाला वहां कोई नहीं था। एक चिकित्सक आय़े भी लेकिन उनका व्यवहार काबिल ए नागवार रहा। ओपीडी शुरू होने पर आज फर्स्ट बाइट ने मेरठ के जिला अस्पताल को करीब से देखा।
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