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-पांच दिन बाद भी नहीं हुई अभी कोई गिरफ्तारी
-रात के अंधेरे में पुलिस अफसरों से चल रही वार्ता
-आत्महत्या को कत्ल की संज्ञा दी थी अमित ने
-जिला मुख्यालय पर गिरफ्तारी को लेकर धरना
-न्याय की आस लिये भटक रहे परिजन दर दर
मेरठ। नौकरी से निकाले जाने के बाद आत्महत्या करने अमित चौधरी के परिजन हताश हैं। तमाम कोशिश के बावजूद नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। आज खुद को किसी तरह संभालते हुए अमित चौधरी की मां ने पहले एसएसपी तक अपनी बात पहुंचाई और कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर वह जिलाधिकारी कार्यालय पर दरी बिछा कर बैठ गई। अमित चौधरी के परिजन भी साथ थे। परिजनों का साफ आरोप है कि पुलिस नामजद अभियुक्तों के रसूख व पैसे के दबाव में है, यही कारण है कि पांच दिन बाद भी पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है। जवान बेटे की मौत से टूटा पूरा परिवार रसूख व पैसे वालों के दबाव के बेबस है। उनका लगातार यही कहना है कि उन पर समझौते के लिये बराबर दबाव बनाया जा रहा है।
आपको याद दिला दें कि मेरठ के प्रतिष्ठित पब्लिकेशन हाउस विद्या प्रकाशन मंदिर के कर्मचारी अमित चौधरी ने 11 मार्च की शाम जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी। मरने से पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी की थी। इस वीडियो में अमित चौधरी ने अपनी मौत के लिये विद्या प्रकाशन मंदिर की एच आर मैनेजर नेहा गौतम, सीटीपी इंचार्ज यशपाल सिंह और गौरव माहेश्वरी को जिम्मेदार बताया था। भारी दबाव के बाद पुलिस ने इन तीन लोगों के अलावा विद्या प्रकाशन के मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पांच दिन बाद भी कोई न्याय न मिलने से आहत अमित चौधरी के परिजनों ने पुलिस कप्तान अजय साहनी का दरवाजा खटखटाया और अपना शिकायती पत्र दिया। यहां जांच कराये जाने की बात कहे जाने पर वे सभी पैदल ही भारी मन और भारी कदमों से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां अमित चौधरी की माता की तबीयत खराब हो गई। आइये चलते हैं जिला मुख्यालय जहां अमित के परिजन धरने पर बैठ गये हैं।