मुंडका अग्निकांड में छह लोगों की शिनाख्त
मुंडका अग्निकांड में लापरवाही किसकी रही, कौन इस हादसे के लिये जिम्मेदार है , यह तो जांच का विषय है लेकिन इस बीच, यह खबर सामने आयी है कि कुल मिलाकर 32 लोगों के अभी तक लापता होने की खबर सामने आयी है। इनमें से 27 शव बरामद कर लिये गये हैं। इनमें छह की पहचान कर ली गई है।
शुक्रवार की शाम पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके की व्यावसायिक इमारत में भीषण आग लग गई थी। फायर बिग्रेड ने करीब साठ लोगों को बचा लिया था। कई लोगों को आग से बचने के लिये रस्सी के सहारे कूदते हुए भी देखा गया। कुछ लोगों ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश की। इस अग्निकांड में 27 लोगों के शव बरामद हुए हैं। शव इतनी बुरी तरह से जले हुए हैं कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिजनों को दस लाख व घायलों को पचास हजार रूपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

इन सब के बीच, पुलिस ने बताया कि इस हादसे में बरामद 27 शवों में से तानिया भूषण, मोहिनी पाल, यशोदा देवी, रंजू देवी, विशाल मिथलेश और दृष्टि की शिनाख्त हो गयी है। रूप में हुई है। अन्य शवों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। दरअसल, हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई और 29 लोग लापता है। इनमें 24 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल हैं।
शनिवार को सांसद हंसराज हंस संजय गांधी अस्पताल पहुंचे। यहां एक महिला ने सांसद से अपनी बेटी को ढूंढने की गुहार लगाई। शीलू नामक महिला मुंडका में भीषण आग हादसे की सूचना पर शुक्रवार रात ट्रेन से दिल्ली पहुंची, जहां पर अपने बेटी को तलाश के लिए इधर-उधर भटक रही है।
मुंडका अग्निकांड मामले में अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि 32 लोगों के लापता होने की बात सामने आई है। 27 शव बरामद हुए हैं, जिनमें छह की पहचान कर ली गई है। इस हादसे में 12 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि आग करीब चार बजे लगने की बात लोग कह रहे हैं लेकिन अग्निशमन को पहली काल 4 बजकर 50 मिनट पर मिली। इसके 18 मिनट बाद अग्निशमन की गाड़ी मौके पर पहुंची। वहीं, आग लगने का कारण जेनरेटर में हुआ शॉर्टसर्किट बताया जा रहा है, जो पहले तल पर रखा था।