मेरठ महानगर भाजपा ने नगर निगम बोर्ड बैठक में हुए बवाल को पूर्व नियोजित करार दिया है। आरोप लगाया गया कि अराजकता फैलाने वाले विपक्षी पार्षद नहीं चाहते थे कि सदन चले।यहां जातिसूचक शब्द कहे गये, महिला भाजपा पार्षदों से गाली गलौज किया गया। एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज ने जब इन अपशब्दों का विरोध किया तो उन्हें धक्का मार दिया गया जिस कारण वहां माहौल खराब हो गया। भाजपा पदाधिकारियों ने आज इस कड़ी में आईजी पुलिस से मुलाकात कर इस बात पर नाराजगी जताई कि उनकी तरफ से दी गई तहरीर पर अभी तक आरोपी पार्षदों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। भाजपा पदाधिकारियों के साथ जाटव, खटीक समाज की महिला पार्षद भी थीं। दरअसल, नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुई हंगामे व मारपीट की घटना के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने 10 जनवरी को महापंचायत का आह्वान किया है। नमस्कार मैं हू रवि शर्मा और आप देख रहे हैं फर्स्ट बाइट,टीवी।
आपको याद होगा कि 30 जनवरी को मेरठ नगर निगम बोर्ड की बजट बैठक टाउन हाल में आहूत की गई थी। यहां भाजपा पार्षद रेखा सिंह द्वारा गृहकर वसूली केवल हिंदू इलाकों में करने का आरोप लगाते हुए चैलेज दिया था कि यदि दम है तो मुस्लिम इलाकों में भी वसूली करके दिखाये। इस पर उत्पन्न गतिरोध के चलते बजट बैठक में हंगामा हुआ, जो देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गया। आज भाजपा के जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा,महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने भाजपा महिला पार्षद बबीता खन्ना, रेखा सोनकर, डा. अनुराधा आदि को लेकर आईजी से मुलाकात की। आईजी को दिये पत्र में भाजपा पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पार्षद फजल करीम, आसिफ सैफी व रिजवान अंसारी ने महिला पार्षदों के प्रति अभद्र टिप्पणी व अनुसूचित वर्ग के पार्षदों पर जातिसूचक शब्द कहते हुए अपमानित किया है। इस समय कुलदीप कुमार उर्फ कीर्ति घोपला,आशीष चौधरी ने महिला से दुर्व्यवहार व अभद्रता की। पवन चौधरी ने तभी तहरीर दे दी थी लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इससे अनुसूचित वर्ग व महिला पार्षद स्वंय को अपमानित महसूस कर रहे हैं। आईजी नचिकेता झा ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है