डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर पर, एक डॉलर के मुकाबले 77 पर ट्रेड कर रहा रुपया
- यूक्रेन पर रूसी हमले का सीधा असर भारतीय करेंसी पर भी
- डालर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है रूपया
- 77 रुपये के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
- बच्चों को विदेशों में पढ़ाना हुआ महंगा
- पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ना भी अब तय
युद्ध रूस व यूक्रेन के बीच शुरू हुआ है लेकिन असर भारत की करेंसी पर भी पड़ा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी है। सोमवार को रूपया डॉलर के मुकाबले अपने निचले स्तर 77 रुपये के स्तर तक जा पहुंचा है। अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की खबरों पर कच्चे तेल के ताजा उछाल के बाद रुपया सोमवार को लगभग 77 डॉलर प्रति डॉलर के निचले स्तर पर जा पहुंचा। यह लगातार चौथा सत्र था जब मुद्रा कमजोर हुई है। घरेलू करेंसी मार्केट में रुपये 76.96 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही है।

दरअसल, भारत दूनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाला देश है। जो 80 फीसदी आयात के जरिए पूरा किया जाता है। सरकारी तेल कंपनियां डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल खरीदती हैं। अगर डॉलर महंगा हुआ और रुपया सस्ता हुआ तो उन्हें डॉलर खरीदने के लिए ज्यादा रुपये का भुगतान करना होगा। इससे आयात महंगा होगा और आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत ना चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा भारत से लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं। इनके अभिभावक फीस से लेकर रहने का खर्च अदा कर रहे हैं। उनकी पढ़ाई महंगी हो जाएगी। क्योंकि अभिभावकों को ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा। इससे महंगाई का उन्हें झटका लगेगा।