जानिए दिल्ली में स्कूल खुलने को लेकर क्या है अभिभावकों और स्कूल प्रशासन की राय ।।
- 60 प्रतिशत से भी ज्यादा अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार
- स्कूलों को खोलने का निर्णय बिलकुल ठीक -डॉ राधाकृष्णन, डायरेक्टर इंटरनेशनल स्कूल
- स्कूल भेजने से पहले टीका लगना चाहिए था- अभिभावक
- बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए स्कूल जाना जरूरी
दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 1 सितंबर से और 8 सितंबर से 6ठी से 8वीं तक के स्कूल खोलने का फैसला किया है ,बता दे की दिल्ली में एक बार फिर से स्कूलों में रौनक लौटने वाली है । कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है जिसके मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 1 सितंबर से खोलने का फैसला लिया है. वहीं 8 सितंबर से 6ठी से 8वीं तक के स्कूल खोल दिए जाएंगे लेकिन उस से पहले एक्सपर्ट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को एसओपी बनाकर सौंपी है. फिलहाल दिल्ली में 10वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को एडमिशन, प्रैक्टिकल वर्क इत्यादि के लिए स्कूल जाने की इजाजत है. आइए जानते हैं स्कूलों के प्रिंसिपल और अभिभावकों की स्कूल खुलने पर क्या कहना है । पेटल्स ग्रुप ऑफ स्कूल्स की चेयरपर्सन प्रीति क्वात्रा ने बातचीत में कहा कि हमने अपने स्कूल में इंटरनल सर्वे करवाया है जिसमे हमने पूछा क्या आप अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं? इस सर्वे में 60 प्रतिशत से भी ज्यादा अभिभावकों ने हामी भरी और कहा कि हम तैयार हैं. वहीं 30 प्रतिशत अभिभावकों का कहना था कि पहले कोरोनावायरस का टीका बच्चों के लिए उपलब्ध हो जाए हम उसके बाद भेजेंगे । इसी के साथ डिफेंस कॉलोनी में स्थापित डॉक्टर राधाकृष्णन इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर प्रभात रमन कहते हैं कि स्कूलों को खोलने का निर्णय बिलकुल ठीक है और हम बच्चों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं. हर क्लास में टीचर इस बात का ध्यान रखेंगी कि बच्चों ने मास्क पहना हो, हाथ धोने के इंतजाम रहेंगे, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी । मॉडर्न पब्लिक स्कूल , शालीमार बाग में पढ़ने वाली सिमरन सुराना की माता मनिता सुराना से बातचीत में कहती हैं कि बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर वो सहमत भी हैं और असहमत भी.” यदि बच्चों को स्कूल भेजने से पहले टीका लग जाता तो मन में चिंता और शंका कम होती, लेकिन ये भी सच है कि घर पर बैठे – बैठे बच्चे बहुत डल हो गए हैं क्योंकि इस तरह बच्चों की पढ़ाई घर से करना संभव नही है ।
बता दें कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में टीचर्स और स्टाफ को वैक्सिनेट करने का अभियान लगभग पूरा हो गया है लेकिन प्राइवेट स्कूलों में अब भी सभी टीचर्स और स्टाफ का वैक्सीनेशन पूरा नहीं हुआ है जो कि स्कूल खुलने पर चिंता का विषय हो सकता है ।।