केंद्र की कोरोना वाली डायलर ट्यून को दिल्ली HC ने बताया ‘परेशान करने वाला’,
-रोजाना हर बार एक ही संदेश क्या दस साल तक सुनाओगे
-हर बार नया संदेश हो तो लोग सुनेंगे भी
-टीका लगवाने को कह रहे हैं जबकि वैक्सीन है नहीं
नई दिल्ली। आम लोगों की माने तो मोबाइल मिलाने से पहले सुनी जाने वाली डायलर ट्यून से उस वक्त आदमी स्वयं को बेबस पाता है जब उसे एमरजेंसी में फोन मिलाना होता है। लोगों से टीका लगवाने का अनुरोध करने वाली केन्द्र सरकार की डायलर ट्यून की आलोचना करते हुए आज गुरूवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कितने दिन से ये परेशान करने वाला संदेश बज रहा है और लोगों से टीका लगवाने को कह रहा है जबकि पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं है। कोर्ट ने इसे परेशान करने वाला करार दिया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘लोग जब कॉल करते हैं तो, हमें नहीं पता कि आप कितने दिनों से एक परेशान करने वाला संदेश सुना रहे हैं कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए, जबकि आपके (केन्द्र सरकार) पास पर्याप्त टीका नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों का टीकाकरण नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप फिर भी कह रहे हैं कि टीका लगवाएं. कौन लगवाएगा टीका, जबकि टीका ही नहीं है। इस संदेश का मतलब क्या है.’’
कोर्ट ने यह कहते हुए सख्त टिप्पणी की कि सरकार को इन बातों में ‘नया सोचने’ की जरुरत है। पीठ ने कहा कि सरकार को हमेशा एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए। ‘‘जबतक यह टेप खराब ना हो जाए, आप इसे अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे.’’ पीठ ने कहा कि राज्य या केन्द्र की सरकारों को जमीनी स्तर पर स्थिति के हिसाब से काम करना होगा।
कोर्ट ने कहा, ‘‘इसलिए कृपया कुछ और (डायलर संदेश) तैयार करें। जब लोग हर बार अलग-अलग (संदेश) सुनेंगे तो शायद उनकी मदद हो जाएगी.’’ कोर्ट ने कहा कि टीवी प्रस्तोता, निर्माताओं से लोगों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम बनाने, अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय लोगों से इसमें मदद करने को कहा जा सकता है।