आतंकी हमले के गुनाहगार हाफिज सईद को नए मामले में 15 साल की कैद ।।
पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी न्यायालय (एटीसी) ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को 15 साल जेल की सजा सुनाई है। आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद के मामले में सईद को पहले ही 21 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे पिछले साल 17 जुलाई को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी मामले एकसाथ चलेंगे और उम्मीद जतायी जा रही है कि 70 वर्षीय हाफिज सईद की बाकी जिन्दगी कैद में ही गुजरेगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्ती का दिखावा कर रहा है। फरवरी में एफएटीएफ की बैठक होनी है । गुरुवार को लाहौर के आतंकरोधी न्यायालय ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद सहित संगठन के पांच नेताओं को 15 साल की सजा सुनाई। अदालत ने सईद पर 200,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सईद को पहले ही टेरर फंडिंग के चार अलग-अलग मामलों में 21 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। इन पांचों मामलों में मिली सजा हाफिज सईद को एकसाथ भुगतना होगा। लाहौर की कोट लखपत जेल में टेरर फंडिंग के पांंच मामलों में उसे अब 36 साल से अधिक समय तक जेल में रहना होगा। पाकिस्तान के आतंक रोधी न्यायालय ने जमात-उद-दावा के खिलाफ 41 मुकदमे दर्ज किए हैं जिनमें से अभी 25 मामलों में फैसला आया है । हाफिज सईद 2008 के मुंबई हमले का गुनाहगार है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे आतंकी सूची में डाला गया। हाफिज सईद की अगुवाई वाला संगठन जमात-उद-दावा, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है । माना जा रहा है कि पाकिस्तान फरवरी में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से पहले ऐसी तमाम कार्यवाहियों को अंजाम दे रहा है जिससे ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी गुंजाइश बने। आतंकवाद के खिलाफ दिखावे के तौर पर ही हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की गयी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 27 कार्ययोजनाओं में से 21 को ही पूरा किया ।।