अनियमितताओं से परेशान अब ऋषभ एकेडमी की वाइस प्रिंसिपल का इस्तीफा
दिल्ली-एनसीआर मेरठ

अनियमितताओं से परेशान अब ऋषभ एकेडमी की वाइस प्रिंसिपल का इस्तीफा

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ऋषभ एकेडमी -घोटाले पर घोटाला
सीबीएससी ने दिया मान्यता खत्म करने का कारण बताओ नोटिस
छावनी परिषद ने अवैध निर्माण सात दिन में गिराने का दिया नोटिस
अकादमी के खाते हो चुके हैं सीज
सारा लेनदेन हो रहा है कैश में, 
अजय जैन बिना पद भार संभाल रहे हैं मैनेजर की जिम्मेदारी
मैनेजर के रूप में उनके कहीं हस्ताक्षर नहीं
प्रबुद्ध लोगों ने भी लूटपाट से किया खुद को किनारा
विधायक ने कहा एक जेल गया गबन करने वाले बाकी भी जायेंगे
अजय जैन को काम करने का कोई अधिकार नहीं
जो चाहे आकर यहां कामकाज संभाल सकता हैःअजय
विधायक ने अधिकार से बाहर जाकर बना डाली थी समिति
समिति बनते ही लोगों ने धड़ाधड़ दिये इस्तीफे
अजय जैन की करीबी को जिम्मा देने की तैयारी
कई सफेदपोश पर्दे के पीछे से खेल रहे हैं खेल 
मेरठ। डूबते जहाज की सवारी कोई नहीं करना चाहता। वह भी तब जबकि मेरठ के रिषभ एकादमी में कोई हिसाब किताब न हो, मैनेजर व प्रधानाचार्य जेल में हों, बच्चों की फीस कैश में ली जा रही हो, समाज के अजय जैन जबरन वहां मैनेजर का कामकाज कागजों से बाहर देख रहे हों, सीबीएसई ने मान्यता रद्द करने का नोटिस दे रखा हो, कैंट बोर्ड ने अवैध निर्माण गिराने का नोटिस। ऐसे में आज वाइस प्रिंसिपल राजबाला जैन ने भी अपना इस्तीफा सीबीएसई को भेज दिया।
(विस्तार से यह भी देखिये -https://www.youtube.com/watch?v=xgbJTC9YkDU&t=80s)
आपको याद दिला दें कि पांच दिन पूर्व ही फर्स्ट बाइट ने मेरठ के वेस्ट एंड रोड स्थित रिषभ एकादमी के भीतर चल रहे घोटाले दर घोटाले की पोल खोल कर समाज के सामने रख दी थी। मेरठ कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने जिन पंद्रह लोगों की कमेटी एकादमी के संचालन के लिये बनवाई थी उसमें से अधिकांश अपना पल्ला झाड़ चुके हैं। बाद में खुद विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, सदर पुलिस, एसीएम  आदि इस कमेटी को औचित्यहीन बता चुके हैं बावजूद इसके अजय जैन एकादमी के सर्वेसर्वा बने हुए हैं। किस अधिकार से.. यह खुद अजय जैन को भी नहीं पता लेकिन उनका लट्ठ धूल में बराबर चल रहा है औऱ पूजा भी जा रहा है। यह सब हो रहा है कि लेकिन शिक्षा विभाग आंख पर पट्टी बांधे बैठा हुआ है। सीबीएसई द्वारा मान्यता खत्म करने का नोटिस जारी होने के बाद करीब एक हजार बच्चों के भविष्य पर जरूर तलवार लटक गयी है। इस नोटिस का जवाब एक माह के भीतर दिया जाना है, जबकि जवाब देने में अब गिनती के दिन शेष हैं। सीबीएसई के मुताबिक एकादमी में जो अनियिमतताएं हैं उनका जवाब मैनेजर व प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर से दिया जाना है लेकिन गबन व सबूत नष्ट करने के आरोप में दोनों ही जेल में हैं।
फर्स्ट बाइट के खुलासे के बाद एकादमी व घोटाले में लिप्त लोगों में दहशत का माहौल है। कई लोगों ने एकादमी आना बंद कर दिया है। वहीं आज वाइस प्रिंसिपल राजबाला जैन ने अपना इस्तीफा सीबीएसई को भेज दिया है। राजबाला जैन ने लिखा है कि संचालक रंजीत जैन व प्रधानाचार्य याचना भारद्वाज की गिरफ्तारी के बाद बच्चों के हित में वह 7 अप्रैल से कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत हैं। वह खुद प्रशासन व अन्य को एकादमी में प्रशासक या प्रधानाचार्य नियुक्त करने का आग्रह कर चुकी हैं। छात्रों से ली जा रही कैश फीस से उनका कोई सरोकार नहीं हैं। राजबाला का यह भी कहना है कि एकादमी का माहौल बद से बदतर हो चुका है, यहां प्रबंध समिति भी नहीं हैं,  ऐसे में यहां सांस लेना भी दूभर हो गया है। छात्रों के हित में वह काम कर रही हैं थी लेकिन अब इन अवांछनीय हालात के चलते वह तत्काल प्रभाव से इस पद से इस्तीफा दे रही हैं।
वाइस प्रिंसिपल राजबाला जैन के इस्तीफा का असर यह हुआ कि आज बड़ी संख्या में टीचर जोधामल सर्राफ के संचालक व पूर्व ट्रस्टी राजेंद्र जैन से मिली। विचार विमर्श जारी है।

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