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कोरोना बेकाबू है औऱ ऐसे आपातकाल में मेरठ मेडिकल कालेज का स्टाफ भी। कोरोना संक्रमित के शव को पैक कराने को लेकर जूनियर डाक्टरों व सफाई कर्मचारियों में विवाद मुंह भाषा से सीधे मारपीट तक जा पहुंचा। आरोप है कि सफाई कर्मचारियों ने चार जूनियर डाक्टरों की पिटाई कर दी, इतना ही नहीं सफाई कर्माचारी खुद से मारपीट का आऱोप लगाते हुए कोरोना वार्ड के बाहर धरना देकर बैठ गये। इस दौरान कोविड वार्ड में जमकर तोड़फोड़ की गई। तस्वीरें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि जिस वक्त शहर औऱ देश कोरोना के बीच सिसकारी भर रहा है मेरठ मेडिकल कालेज का स्टाफ किस हद तक उतर आय़ा है। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर किसी तरह हालात पर काबू पाया। कालेज प्राचार्य डा ज्ञानेंद्र का कहना है कि सफाई कर्मचारियों को बाडी पैक करने के लिये अलग से धनराशि भी दी जाती है लेकिन इनकी मनमानी हावी है। इनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
यूपी का मेरठ शहर इन दिनों बेकाबू कोरोना से कराह रहा है। कब किसकी सांसे जवाब दे जायें कुछ नहीं कहा जा सकता। आक्सीजन की मारामारी के बीच लगातार लोगों के जान से हाथ धोने की खबरें आ रही हैं ..