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- खेल व मैदान से बच्चे हुए दूर
- मोबाइल व गेम के हो चुके हैं आदी
- लखनऊ में रोकटोक से परेशान बेटे ने मां को गोली मारी
- बेटा चाहता था हर तरह की आजादी, मां बनी थी रोड़ा
- मां का चरित्र हनन करने से भी बाज नहीं आया बेटा
- 16 साल का युवक और इतना शातिर दिमाग
- हत्या के अगले रोज क्रिकेट मैच भी खेला युवक ने
- घर में मां की लाश पड़ी थी, वह गेम खेलता रहा
- मां की हत्या करने का अफसोस है..बेटा तपाक से बोला..नहीं
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सात जून को जो हुआ वह निश्चित रूप से झकझोर देने वाला है। जिस औलाद को नौ माह पेट में रखा, लालन पालन किया उसने ही मां को गोली मारकर उसकी जीवन लीला समाप्त कर दी। महज इस बात के लिये कि मां उसे अक्सर रोका टोका करती थी, उस पर शक करती थी, वह आजादी चाहता था। आजादी इस बात की कि वह जब चाहे जहां चाहें आ जा सके, पबजी व दूसरे मोबाइल गेम में वह जब तक व्यस्त रहना चाहे रह सके, उसकी निजी जिंदगी में कोई रोकटोक न हो। और जरूरत पड़ने पर तिजोरी खुली मिले। बच्चे की बेहतरी के लिये रोकना टोकना ही इस मां साधना के लिये जानलेवा साबित हो गया। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उससे पूछा कि क्या उसे मां को मार डालने का अफसोस है तो उसने जो जवाब दिया …वह निश्चित रूप से कठोर कलेजे वाले को भी भीतर तक हिला देने के लिये काफी है…नहीं। इससे पहले वह हत्या कर रविवार को अपने दोस्तों संग क्रिकेट भी खेल आया था। रात को घर में सोया भी..और मां का चरित्र हनन भी यह कहते हुए कर दिया कि एक बिजली वाला अकसर उनके घर आता था ।
यहां बात हो रही है लखनऊ के पीजीआई पुलिस स्टेशन अंतर्गत वृंदावन कालोनी की। यहां साधना अपने सोलह वर्षीय बेटे व दस साल की बेटी संग रहती थी। पति भारतीय सेना में जेसीओ है। उनकी तैनाती आसनसोल में हैं।
दरअसल, सात जून को पुलिस स्टेशन पर फोन आया कि वंदावन कालोनी में किसी महिला का शव घर में पड़ा है और किसी बिजली वाले ने उसकी हत्या कर दी है। फोन करने वाले ने खुद को साधना का भाई बताया था। पुलिस पहुंची तो यह तय हो गया कि हत्या उस रोज नहीं बल्कि तीन चार दिन पहले की है। यह अंदाजा शव से आने वाली दुर्गंध को देखते हुए लगाया गया। लड़के ने बताया कि सोमवार को बिजली वाले अंकल घर आये थे, दोनों में झगड़ा हुआ था, इस झगड़े में ही अंकल ने मम्मी को मार डाला। आसपास पूछताछ में पता चला कि बिजली वाला घर नहीं आया था। छोटी बेटी को विश्वास में लेकर जब पूछताछ की गई तो पुलिस हैरत में पड़ गई। दरअसल, हत्या बेटे ने की थी, इससे पहले बेटे ने पड़ोसियों को बताया था कि मम्मी चाचा के घर गयी हुई हैं, क्योंकि दादी की तबीयत ठीक नहीं है। पूछताछ हुई तो बेटे ने बताया कि उसे मां का टोकना, पढ़ने के लिए कहना, मोबाइल से दूर रहने की हिदायत देना.. किसी क़ैद और बंदिश की तरह लगता था.. जबकि वो आज़ादी चाहता था. अब तो उसके बोर्ड का भी इम्तेहान था, लेकिन बेटा पढ़ाई से ज़्यादा मोबाइल में ही उलझा रहता था। बस इससे परेशान होकर उसने सोते हुए अपनी मां का कत्ल कर दिया ।।