जाने-माने एडवोकेट महमूद प्राचा के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी 15 घंटे तक चली. स्पेशल सेल ने यह छापेमारी अदालत के आदेशों पर एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद की. इस छापेमारी के बाद महमूद प्राचा ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि मैं वादा करता हूं कि हम अपने मिशन संविधान बचाओ में पीछे नहीं हटेंगे । महमूद प्राचा ने ट्वीट करके कहा, ’15 घंटे की मैराथन छापेमारी के बाद दिल्ली पुलिस की टीम लौट चुकी है. उन्होंने मेरे दफ्तर के कम्प्यूटर और यहां तक की बाथरूम की तलाश ली, लेकिन कुछ नहीं मिला. खींझ उतारने के लिए मेरे और मेरे सहयोगियों के साथ मारपीट भी की गई. अगर दिल्ली पुलिस कोर्ट के आदेश पर हुई वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं तबाह करती हो तो दिल्ली हिंसा का असल मास्टरमाइंड सामने आ जाएगा.’अपने अगले ट्वीट में महमूद प्राचा ने कहा, ‘छापेमारी के दौरान बार-बार मुझे अमित शाह साहब का नाम लेकर धमकाया गया. मैं लोगों को उनके समर्थन के लिए शुक्रिया कहता हूं. वादा करता हूं कि हम अपने मिशन संविधान बचाओ में पीछे नहीं हटेंगे. जय भीम, जय भारत. यह वकीलों के समुदाय पर एक हमला था, मुझे गर्व है कि मेरे सभी जूनियर वकील इस शातिर हमले के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े थे.’एडवोकेट महमूद प्राचा पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से एक फर्जी हलफनामा देने और हिंसा पीड़ितों को झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया. आरोप ये भी है कि प्राचा ने एक अन्य वकील के हस्ताक्षर वाला शपथ पत्र आगे बढ़ाया था, जबकि वो वकील तीन साल पहले मर चुका था. अदालत ने इस संबंध में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिए, तभी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की ।।
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