पेगासस जासूसी कांड की जांच को आयोग बनाने वाला पश्चिम बंगाल पहला राज्य बना
पेगासस मामले की जांच को आयोग बनाने वाला पहला राज्य
पेगासस जासूसी विवाद में लोकसभा कल तक स्थगित
विपक्ष का लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला जारी
जांच आयोग का गठन भी केंद्र को घेरने की कोशिश
कोलकाता: पेगासस जासूसी मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है। यह आदेश उस वक्त दिया गया है जब केंद्र की भाजपा सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष के भारी हंगामे व विरोध के चलते लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 11 बजे तक स्थगित कर देनी पड़ी है। राज्यसभा में भी हंगामा व विरोध जारी है।
पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के बाद बनाये जा रहे जांच आयोग में दो रिटायर्ड जज शामिल हैं, जो पश्चिम बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की जांच करेंगे। ममता ने दिल्ली जाने से पहले कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया है। सीएम ममता का कहना है कि हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर आयोग के अध्यक्ष होंगे जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ज्योतिरमय भट्टाचार्य दूसरे सदस्य होंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि “पेगासस के माध्यम से, न्यायपालिका और नागरिक समाज सहित हर कोई निगरानी में है। हमें उम्मीद थी कि संसद के दौरान, केंद्र एससी पर्यवेक्षण के तहत जांच करेगा, लेकिन उन्होंने नहीं किया।
दिल्ली जाने से पहले कैबिनेट की बैठक में सीएम ममता ने यह अभी निर्णय लिया है। ममता आज दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं। 28 जुलाई को उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम है। शाम 5 बजे तक ममता दिल्ली पहुंचेंगी। 29 जुलाई तक वहां रहेंगी। वह अपनी यात्रा के दौरान कई विपक्षी नेताओं से भी मिल सकती हैं।